जन्मदिन पर शुभ मुहूर्त मे महाराज जी को समर्पित , युवराज स्वामी श्री श्री 1008 बदरी प्रपन्नाचार्य महाराज जी
मायने ये रखता है कि गुरू के दर्शन करने मे आपको कैसे दर्शन होते हैं ? उनमे आपको क्या देखते हैं ? क्या दिखता है ?
मैंने जब दर्शन किया उनकी मुस्कान और भाव से परमात्मा के दर्शन महसूस हुए। इसलिए मैं गुरूदेव के सामने आज तक कुछ बोल नही पाया , उनके सामने जाता हूँ तो भावुक होकर बैठा रहता हूँ और अनायास मुझ मे भी मुस्कान आती रहती है।
जब मैं यह लिख रहा हूँ तो शुभ मुहूर्त है। परमात्मा कृपा से भोर मे जगा हूं और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने के समय ही महसूस हुआ कि लिखो , वजह मुझे उनमे कृष्ण नजर आते हैं और मेरे दर्शन मे गुरूदेव स्वामी जी महाराज बदरी प्रपन्नाचार्य जी महराज ऐसे ही पूजनीय दर्शनीय हैं।
वैसे तो हर सामान्य प्राणी परमात्मा का अंश है परंतु भौतिकता मे रमने वाले लोगों से अधिक और अद्भुत परमात्मा मे रमने वाले प्राणी पर परमात्मा की विशेष कृपा होती है। जो आत्मा अपनी परमात्मा की भक्ति मे संलग्न रहेगी सचमुच अन्य सामान्य जन का कल्याण करती है।
चित्रकूट की संत परंपरा मे श्री श्री 1008 बदरी प्रपन्नाचार्य महाराज जी का विशाल आत्मीय अंश संपूर्ण चित्रकूट की धार्मिक – एतिहासिक गाथा की अमरता बनाए रखता है। आपकी वाणी से कथा सुनने के समय महसूस होता है जैसे स्वयं भगवान कृष्ण कह रहे हों और बरबस ही आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।
महराज जी का 29 मार्च को जन्मदिन होता है। इसलिए जन्मदिन पर कुछ कहने का अवसर मिला , यह भी परमात्मा की इच्छा से हुआ चूंकि भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी ने अचानक से फोन पर कहा कि महाराज जी का जन्मदिन आ रहा है तो मेरी आत्मा मे महसूस हुआ कि कुछ कह सकें तो शुभ मुहूर्त आया और चित्रकूट के गौरव संत परंपरा से भक्त समाज / आस्तिक समाज को अवगत करा सके।
बस महाराज जी आशीर्वाद दीजिएगा
दंडवत चरण स्पर्श
आपका सौरभ