दुनिया का पहला देश जहाँ सेक्स वर्क को मिली मान्यता वर्कर्स को दी सुविधाएं

बेल्जियम की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है इस फ़ैसले को जानने से पहले जिंदगी को जान लेते हैं जितनी जिंदगी उतने प्रकार हैं हर किसी का जीवन अलग जीवन है। एक ऐसा ही जीवन सेक्स वर्कर का है।

मेरा निजी अनुभव भारत देश के पुणे शहर का है जहाँ एक एरिया ऐसा है वहाँ सेक्स वर्कर आम तौर पे देखे जा सकते हैं। बुधवार पेठ के नाम से फेमस इस क्षेत्र मे एक खास गली मे बहुत सी गर्ल्स और वूमन दिखती हैं जो वेश्या कही जाती हैं और गांव की बोली मे रंडी बोला जाता है। लेकिन गांव से दूर दराज कमाने गए मजदूर वर्ग की देह की भूख मिटाती हैं तो अमीर शौकीनों का भी दैहिक मनोरंजन करती हैं , मै इलेक्ट्रिक सामान लेने एक मराठी दोस्त के साथ गया था तो मेरी नजर इनकी ओर पड़ी थी।

मन मे इस बात का ही कौतुहल हुआ कि इनका भी अपना जीवन है और जो समाज सामान्य कहा जाता है उसी से कुछ लोग इनके पास पहुंचते हैं और देह की भूख मिटाते हैं। आदमी को जैसे भूख प्यास लगती है वैसे ही पुरूष हो या औरत दोनो के लिए संभोग भी एक ऐसा पल है जब देह की ऐसी भूख मिटती है जिसमे कुछ पल के लिए सुकून महसूस करते हैं और यही जनसंख्या बढ़ने का भी माध्यम है।

किन्तु बहुत से लोगों को सहज रूप से सेक्स भी उपलब्ध नही है। बहुत सी औरतों को भी वैसा सेक्स नही मिल पाता जैसा वो चाहती हैं और टीन एज गर्ल्स सेक्स के आकर्षण मे अक्सर गलतियां कर देती हैं। सेक्स का एक पार्ट जोर जबर्दस्ती का भी है जो बलात्कार कहलाता है और भारत मे बलात्कार के मामले बहुत सामने आते हैं।

ऐसा ही इन सेक्स वर्कर्स के साथ भी होता है इनके पास रसूखदार लोग पहुंचते हैं वो इनसे भी जोर जबर्दस्ती आजमाते हैं। देह की हवस मिटाते हुए इनके साथ बहुत सी ज्यादतियां होती हैं इस प्रकार के शोषण को ध्यान मे रखते हुए और इनके सामाजिक योगदान को महत्वपूर्ण मानते हुए बेल्जियम सरकार ने पेंशन देने एवं सामाजिक सुरक्षा देने का विशेष कानून बनाया है , यदि कोई सेक्स वर्कर माँ बनने वाली है तो इनको छुट्टी देने का नियम भी बनाया गया और इस दौरान आर्थिक तंगी ना हो इसके लिए विशेष फंड बनाया गया है।

वैश्विक स्तर पर सेक्स वर्कर्स के योगदान की चर्चा हो रही है। बहुत से देशों मे इसे काननी मान्यता दे दी गई है उनमे से बेल्जियम खास नियम बनाने के लिए चर्चा मे है।

संभोग के नजरिए से भारत मे इसे कानूनी मान्यता तो नही है किन्तु महानगर हो या गांव और कस्बा सब जगह कोई ना कोई सेक्स वर्कर है जो किसी भी प्रकार से सेक्स को वर्क के रूप मे अपनाए है और जीवन यापन कर रही है अब तो पुरूष सेक्स वर्कर भी देखने सुनने को मिलते हैं और महिलाएं भी ऐसे पुरूष चाहती हैं जो उन्हें प्रेम से सहजता से सरलता से कोमलता से प्यार करते हुए संभोग के चरमसुख तक ले जाए और वह विश्वसनीय भी हो।

बेल्जियम ने नियम बनाकर बहस का एक और मुद्दा विश्व पटल पर रख दिया है। हालांकि भारत मे कोई भी इस बारे मे खुलकर बात नही करता है जबकि सोचना महत्वपूर्ण है कि जीवन का खास पहलू है और इस पर सबको अच्छी जानकारी होनी चाहिए साथ ही विश्वसनीयता और सहजता भरा माहौल होना चाहिए। कुलमिलाकर सेक्स वर्कर्स को प्रोत्साहन मिलना चाहिए इसके लिए आज के थिंकर गुड थिंकिंग रखते हैं।