नगरपालिका के सामने एक जिंदगी की गुहार.

By – Saurabh Dwivedi

ठेकेदार ब्रह्मदत्त पाण्डेय द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों का भुगतान लगभग 2 वर्ष से लंबित है। चूंकि मध्यमवर्गीय परिवार का ठेकेदार कर्ज लेकर ठेकेदारी करते रहे और भुगतान ना होने से कर्जदार सामाजिक छवि खराब कर रहे हैं। साथ ही पारिवारिक समस्या यह है कि पत्नी गंभीर रूप से बीमार रहती हैं। किन्तु नगरपालिका के अधिकारी इस मजबूरी को समझने को तैयार नहीं दिखते हैं।

भुगतान ना होता देख गांधीवादी रास्ते पर चल पड़े हैं। अब न्याय की उम्मीद आमरण अनशन से ही है। देखने योग्य है कि नगरपालिका के अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस समस्या को कब और कैसे समझते हैं ? जबकि सत्य है कि यह पूर्ण स्वस्थ नहीं हैं फिर भी मजबूरन जिंदगी को दांव पर लगाए हैं। कभी भी कुछ भी घटित होने के आसार हैं। जनपद के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि भी अतिशीघ्र समझते तो पीड़ित को न्याय मिल सकता है।

पीड़ित आशान्वित है कि योगी सरकार में उसे न्याय मिल सकेगा। अन्यथा तनिक सी अनहोनी से छवि सरकार की धूमिल होगी।