अधर्म फैला रखा है नाश हो जाएगा वनवासी राम की नगरी चित्रकूट मे शराब की दुकान
मुझे एक स्वप्न आया। कामतानाथ और मत्तगजेन्द्रनाथ भगवान संदेश देना चा रहे हैं जाने कैसा आकार था जो रात के अंधकार मे अलग ही प्रकाश फैल रहा था और बोले जा रहे थे।
इससे पहले एक घटना याद आई कि पिछले दिनों बांदा से वापस होते हुए अनायास ही बाइक भरतकूप के अंदर के रास्ते से घूम गई और जब मैं राम शैय्या के पास पहुंचा तो अंग्रेजी शराब की दुकान दिखी।
मैंने एक दुकानदार से बातचीत की तो उसने कहा कि गांव के लोगों ने विरोध किया था। लेकिन गांव वोलों को धमकाया गया और प्रधान को कहा गया कि तुम्हारी प्रधानी निकाल दी जाएगी , विरोध धर्म नगरी के चौरासी कोस मे शराब की दुकान खोलने को था।
इसके बाद रात मे मुझे स्वप्न आया कि कोई बोल रहा है कि जिस प्रकार का अधर्म इन लोगों ने फैला रखा है इनका नाश हो जाएगा। उस अधिकारी के नाश का समय शुरू हो रहा है तो जब चित्रकूट मे चार बच्चों के मौत की घटना घटी और सबसे बड़े अधिकारी के मुर्दाबाद के नारे वकील संघ ने लगाए तो मुझे स्वप्न याद आया कि जिला अधिकारी के लिए चूं करना बहुत बड़ी बात होती है उसके लिए भ्रष्ट होने और निलंबन की मांग किए जाने की घटना स्वप्न मे कही बात को सही सिद्ध करता है।
असल मे गुप्त गोदावरी मार्ग मे भी सेमरिया जगन्नाथवासी के नाम से महिला ठेकेदारों के नाम पर शराब की दुकानें खुली हुई हैं जो चारो धाम मार्ग मे आती हैं।
चित्रकूट की पौराणिक कथा कहती है कि इतिहास मे यहां औरंगजेब भी नतमस्तक हुआ था। और मत्तगजेन्द्रनाथ ने पंडित जी के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया था कि सात – आठ किलोमीटर के क्षेत्र मे अंडा , मांस और मदिरा नही बिकेगा।
किन्तु योगी सरकार मे बेलगाम अफसरशाही ने चारो धाम मार्ग मे शराब की दुकानें खोल दीं और जब शासन – प्रशासन से सवाल किया गया तो जवाब राजस्व बढ़ाने का मिला और इन दुकानों को हटाने मे आनाकानी की जा रही है।
जिस प्रकार से चित्रकूट जिलाधिकारी के खिलाफ अधिवक्ता संघ ने नारेबाजी की उससे स्वप्न की बात सही लगने लगी कि वास्तव मे ऐसा ही कुछ होने जा रहा है क्या ?
स्वप्न मे स्पष्ट कोई बोल रहा था कि नाश कर दूंगा और स्वप्न मुझे ही क्यों आया ? क्योंकि मैने लगातार प्रयास किया कि चित्रकूट मे राम शैय्या हो या गुप्त गोदावरी मार्ग सरकार के पवित्र क्षेत्र के कानून के खिलाफ है और तो और वनवासी श्रीराम के मर्यादा के खिलाफ है तो कम से कम इस क्षेत्र को बख्श दीजिए लेकिन कमाई मे मस्त शराब की दुकान वाले नही समझ सके और अफसरशाह तो बिल्कुल नही समझेंगे।
भले मुझे डीएम साहब फांसी मे चढ़ा दें लेकिन स्वप्न आया तो मैंने सोचा जग जाहिर कर दूं और डीएम साहब हों या कोई भी जिम्मेदार इस स्वप्न से संकेत समझ लीजिए क्योंकि बहुत कम डीएम के खिलाफ ऐसे नारे लगे हैं जिन पर खुलेआम भ्रष्ट होने का आरोप लगा हो।
जिस प्रकार अयोध्या से सरकारी शराब की दुकाने हटाई गई हैं उस प्रकार से चित्रकूट के चौरासी कोस से अंडे , मांस और मदिरा बेचना बंद कर दीजिए। स्वप्न की चेतावनी तो यही है बाकी राम जी जानें।