अग्निपथ : सत्य परेशान हो सकता है पराजित नही मैं हूँ अग्निपथ

देश के दीपक देश मे आग नही लगाते अपितु अंधकार मे प्रकाश फैलाते हैं : अशोक जाटव

अग्निपथ पथ राष्ट्र सेवा और राष्ट्र भक्ति की परीक्षा मे खरे उतरने की योजना है , जिस योजना पर भी भ्रम फैलाया गया और नतीजतन देश मे आग लगाई गई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं तीनों सेना प्रमुख ने अग्निपथ के जरिए कैसे अग्निवीर राष्ट्र को सेवा प्रदान कर सकेंगे और उनके जीवन के लिए सरकार जो सुविधाएं प्रदान कर सकती है इसकी घोषणा की गई। आकर्षक वेतनमान और सेवा समाप्ति के चार साल बाद कम से कम 11 लाख ₹ अग्निवीर को मिलेंगे।

जीवन का सफर यहीं खत्म नही हो जाता। चार साल मे सेना एक परीक्षा आयोजित करेगी जिसमे से 25 प्रतिशत अग्निवीर सेना मे आगे सेवा देने के लिए चयनित किए जाएंगे। शेष अग्निवीर जो सेना से प्रशिक्षण प्राप्त कर आएंगे उन्हें देश के विभिन्न क्षेत्रों मे सेवा देने अवसर मिलेगा जहाँ उन्हें प्राथमिकता मिलेगी , चूंकि सेना मे सिर्फ हथियार चलाना नही सिखाया जाता बल्कि एक अच्छा नागरिक कैसे बनें , संकट के समय स्वयं को कैसे संभालें यह सब भी कुशल व्यवहारिक जीवन हेतु सिखाया जाता है। साथ ही असम राइफल्स और सीआरपीएफ मे अग्निवीर को अवसर मिलेगा।

उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित अन्य राज्य भी अग्निवीर को अवसर देने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे ही विपक्ष की सरकारों को भी घोषणा करनी चाहिए थी जिससे देश की सेना को आधुनिक बनाने एवं अत्यधिक मजबूत करने के अवसर बढेगें और हम टीम इंडिया का परिचय देते।

देश के युवाओं को मध्यप्रदेश के वीर सैनिक दीपक से प्रेरणा लेनी चाहिए जो गलवान घाटी की झड़प मे मात्र 21 वर्ष मे देश के लिए शहीद हो गए। देश के दीपक देश मे आग नही लगाते , अपितु अंधकार मे प्रकाश फैलाते हैं और देश कि सरहद की रक्षा करते हैं। योजना से कोई असहमति है तो सरकार मे योजना बनाने वाले आपकी मांगे मानेंगे और इसी को कहते हैं सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास।

वैश्विक संकट के इस दौर मे एक अच्छी योजना बनाकर युवाओं के भविष्य को अनुशासित व उज्जवल बनाने की कोशिश शुरू हुई है जिसमे बतौर नागरिक सभी का सहयोग मिला तो यह योजना भारत भाग्य विधाता साबित होगी। जिस प्रकार की घटना हो रही हैं उससे यह स्पष्ट नजर आ रहा है कि देश के दुश्मन स्लीपर सेल के रूप मे रहते हैं और मौका मिलते ही वह संपत्ति जलाकर तोड़कर भारत देश को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। चूंकि देश के दीपक सिर्फ प्रकाश फैलाते हैं।