अखंड भारत के नए प्रतीक भव्य संसद भवन और दिव्य राम मंदिर

जय हिन्द और अखंड भारत का नारा  , इस भारत की कोने कोने मे व्याप्त है। दक्षिण हमेशा से नेतृत्व की कल्पना संजोए था जिसे साकार करने मे केन्द्र की मोदी सरकार ने इतिहास की सबसे बड़ी भूमिका निभाई है।

सेंगोल को लोग छड़ी के रुप मे भी नही जानते थे और आज जब सेंगोल की स्थापना हुई तो वह धर्मदंड व राजदंड के प्रतीक के रूप मे जाना गया , यही भारत देश का नया इतिहास है।

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को सत्ता हस्तांतरण के समय सेंगोल प्रदान करने की जानकारी मिली तो यह भी पता चला कि उसे पहले के इलाहाबाद के आनंदमठ मे शो पीस बनाकर रखा गया अर्थात दक्षिण की आम जनता के सबसे बड़े प्रतीक को संसद भवन मे स्थान नही दिया गया।

अब नया संसद भवन बना है जिसमे आधुनिक सुविधाएं हैं तो दक्षिण भारत का प्रतीक अखंड भारत का प्रतीक बन गया है। लेकिन विपक्ष ने नए संसद भवन के लोकार्पण का विरोध कर अपनी घृणा का प्रदर्शन किया है।

इससे पहले विपक्ष राम मंदिर से घृणा करता रहा और हिन्दुओं की सबसे बड़ी आस्था पर प्रहार किया गया। राम मंदिर के लिए हिन्दुओं ने आजाद भारत मे भी 75 वर्ष तक इंतजार किया और जब उत्तर प्रदेश मे योगी सरकार है और केन्द्र मे मोदी सरकार आई तब अदालत से निर्णय राम मंदिर के पक्ष मे आया और अब दक्षिण हो या उत्तर भारत के लोग अखंड भारत मे सबकी आस्था का प्रतीक है , राम मंदिर।

विश्वास , साथ और धर्म के मामले मे हिन्दूओं से विपक्ष ने हमेशा विश्वासघात किया है इसलिए पहले राम मंदिर का विरोध और अब सेंगोल का विरोध कर रहे हैं। इनकी तुष्टीकरण की राजनीति को अल्पसंख्यक वर्ग भी खूब समझ चुका है इसलिए वे भी विपक्ष से किनारा करने लगे हैं।

नकारात्मकता और तुष्टीकरण की राजनीति कर विपक्ष को कुछ हासिल नही होने वाला यदि संसद भवन के लोकार्पण समारोह मे शामिल हो जाते तो इतिहास मे सकारात्मक विपक्ष की छवि झलकती लेकिन विपक्ष अब इतिहास विहीन होता जा रहा है , तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विट कर लिखा कि नया संसद भवन भारतीयता की सुगंध को सुवासित करता और यह एक भारत श्रेष्ठ भारत की समेकित तस्वीर है।

किन्तु अफसोस है कि राजनीतिक विरोध सत्ता ना मिलने की हताशा मे इस तरह बदल गया कि जन भावनाओं को साकार करने वाले संविधान के सबसे महत्वपूर्ण भवन संसद भवन के लोकार्पण मे विपक्ष गायब रहेगा।