भरत घाट मे युवको दिलाई गई शपथ पर्यावरण संरक्षण पर हुआ विमर्श

भाजपा नेत्री दिव्या त्रिपाठी ने कहा कि मैंने बहुत पहले एक शपथ खुद ली कि मंदाकिनी नदी मे किसी प्रकार कूड़े-करकट नही जाने दूंगी। उसके बाद से हमारे घर-परिवार से किसी भी प्रकार की हवन सामग्री आदि मंदाकिनी नदी मे नही विसर्जित की गई। विकल्प के तौर पर दूर किनारे पर गड्ढा खोदकर माँ पृथ्वी को समर्पित कर विसर्जित कर देना सर्वोत्तम है

रविवार को भरत घाट चित्रकूट मे अखिल भारतीय पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा युवकों को शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम के आयोजक कामदिगिरि प्रथम मुखार बिन्दु के महंत मदन गोपाल दास जी रहे जिसमे समाजसेविका भाजपा नेत्री दिव्या त्रिपाठी की प्रमुख उपस्थिति रही।

विभिन्न संस्थाओं से समाजसेवक उपस्थित हुए। सर्वोदय सेवा आश्रम के अभिमन्यु भाई व अखिल भारतीय सेवा संस्थान के गोपाल भाई जी उपस्थित रहे।

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कार्यक्रम मे पर्यावरण संरक्षण हेतु मंथन हुआ। जिसमे सभी प्रमुख लोगों ने अपने अपने विचार रखे और भविष्य मे स्वच्छ चित्रकूट सुंदर चित्रकूट बने इसके लिए विचार प्रस्तुत किए गए। मंदाकिनी निर्मल और अविरल रहे इसके लिए अभी और प्रयास किए जाने शेष हैं।

भाजपा नेत्री दिव्या त्रिपाठी ने कहा कि मैंने बहुत पहले एक शपथ खुद ली कि मंदाकिनी नदी मे किसी प्रकार कूड़े-करकट नही जाने दूंगी। उसके बाद से हमारे घर-परिवार से किसी भी प्रकार की हवन सामग्री आदि मंदाकिनी नदी मे नही विसर्जित की गई। विकल्प के तौर पर दूर किनारे पर गड्ढा खोदकर माँ पृथ्वी को समर्पित कर विसर्जित कर देना सर्वोत्तम है

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण सबसे अच्छा कदम है। एक व्यक्ति एक वृक्ष लगाए तो एक साल मे हम पूरे भारत मे करोड़ों वृक्ष तैयार कर सकते हैं। इसलिए वृक्षारोपण के साथ उसके पालक बने और बड़े होने तक पानी और खाद आदि देकर सेवा करें।

कामदगिरि प्रथम द्वार के महंत मदनगोपाल दास जी महराज पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उनका प्रकृति प्रेम जग जाहिर है और प्रकृति पूजा के महत्व को बताते हुए निर्मल मन्दाकिनी एवं प्रदूषण मुक्त वायुमंडल पर अपनी बात रखते हैं। जो मनुष्य के स्वस्थ रहने का सबसे बड़ा मंत्र है।

चित्रकूट के कामदगिरि मंदिर से ऐसी पहल मानव जीवन के हित मे है और सनातन धर्म हिन्दू संस्कृति के मंदिर का गौरवान्वित करने वाला इतिहास है। मंदिर से एवं संत समाज को ऐसे प्रयास करने चाहिए।