चीन – भारत के बीच घटेगा तनाव या बढ़ेगा .

@Saurabh Dwivedi

भारत और चीनी सैनिकों की आपसी झड़प में दोनों पक्ष को नुकसान हुआ है। भारत के दो जवान व एक अफसर शहीद हुए तो वहीं ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ने ट्विट कर यह माना कि चीन के पांच सैनिक मारे गए व ग्यारह सैनिक घायल हुए।

कोरोना संक्रमण के बीच सीमा पर तनाव का संक्रमण भी बढ़ा है। वैश्विक परिदृश्य पर राष्ट्रों के मध्य तनाव बढ़ता जा रहा है। एक ओर अमेरिका चीन पर हमलावर है तो दूसरी ओर चीन स्वयं को अलग – थलग महसूस कर रहा है , यही वजह है कि चीन को अपने व्यापारिक नुकसान का अहसास हो रहा है।

इसलिए चीन भारत को किसी प्रकार का लाभ मिलता देख सीमा पर तनाव बढ़ाकर संभवतः दुनिया का ध्यान भारत मे व्यापार करने से भटकाने का प्रयास कर रहा है। इस समय ऐसी तमाम वजहों से दो देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है।

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वहीं चीनी विदेश मंत्री ने बयान दिया है कि हम बातचीत से मुद्दे को सुलझाएंगे अर्थात चीन डिप्लोमैटिक तरीके से चाल चल रहा है। एक तरफ बातचीत की पेशकश दूसरी तरफ तनाव बढ़ाता जा रहा है।

परंतु चीन का यह बयान भारत का रास्ता अपनाने जैसा है। जैसे कि भारत कहता है कि हम पहले युद्ध नहीं करते पर हमें कमजोर ना समझें , अब ऐसी ही बात चीन कह रहा है कि भारत एकतरफा कार्रवाई ना करे और तनाव ना बढ़ाए। जबकि सच है कि विश्व मे भारत ही एक ऐसा राष्ट्र है जो शांति को प्राथमिकता देता है।

इस झड़प में दोनों राष्ट्र की राशि में नुकसान का प्रतिफल मिला है। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि बातचीत का स्तर थोड़ा ऊपर उठना चाहिए और संभव है कि बातचीत से मुद्दा सुलझ जाएगा। फिर भी 1965 से लेकर अब तक चीन की दोगली नीति की वजह से चीन पर भरोसा करना मुश्किल है। उस पर भी तब – जब वहाँ एक कम्युनिस्ट तानाशाही सरकार हो ! खैर दुनिया देख रही है – समझ रही है।

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