बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण एवं किसान बिल पर राजा बुंदेला के बुलंद बुंदेली बोल !

@Saurabh Dwivedi

चित्रकूट भ्रमण के दौरान शांति देवी इंटर कॉलेज में पधारे बुंदेलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला से बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण के सवाल और आरोपों पर गहन वार्ता हुई। उन्होंने बुंदेलखण्ड के विकास और किसान बिल के संबंध में भी अपनी बात रखी। उन्होंने किसान बिल पर विपक्ष की बातों को अफवाह और योगी – मोदी को किसान का साथी संबोधन किया , लेकिन राज्य निर्माण का आंदोलन क्यों मरणासन्न हुआ ? क्या सरकार के पद तले दबने लगी राज्य निर्माण की आवाज !

फिल्म अभिनेता राजा बुंदेला ने राज्य निर्माण के सवाल के जवाब में बोले कि आंदोलन कहीं समाप्त नहीं हुआ। यह आंदोलन का ही प्रतिरूप है कि बुंदेलखण्ड मे विकास हेतु जनता के बीच संभावनाओं की तलाश कर रहा हूँ। राज्य निर्माण एक बहुत लंबी प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया के साथ लगातार संवाद चल रहा है। बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण से यहाँ का विकास संभव है , इससे पूर्व धरातल पर वास्तविक विकास संभव नहीं दिख रहा , चूंकि यहाँ विकास के प्रयास खूब किए जाते हैं परंतु यहाँ की खनिज संपदा का बड़ा भाग प्रदेश के अन्यत्र भाग में चला जाता है। इसलिए मैं बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण के लिए पूर्व की तरह संकल्पित हूँ।

एक और सवाल मध्यप्रदेश क्षेत्र के जैसे कि सागर , ग्वालियर आदि जिलों के नागरिक उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड के साथ अपना अस्तित्व समझते हैं ? क्या मध्यप्रदेश बुंदेलखण्ड के क्षेत्रवासी भी उत्तर प्रदेश बुंदेलखण्ड के साथ सम्मिलित होकर राज्य निर्माण चाहते हैं ? इन सवालों पर भी उनका जवाब था कि हाँ एक अपवाद सागर जनपद का अवश्य ऐसा है जो यूपी बुंदेलखण्ड के साथ अपना अस्तित्व नहीं महसूस करते हैं और वे मध्यप्रदेश मे ही रहना चाहते हैं। शेष सभी जनपद के नागरिक स्वयं को बुंदेलखण्ड का वासी महसूस करते हैं और उत्तर प्रदेश से ज्यादा बुंदेली अस्मिता के लिए उनकी चेतना जागृत है।

असल में सबसे बड़ा पेंच मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड से फंसता है। चूंकि बुंदेलखण्ड कनेक्ट पत्रिका के बैनरतले बुंदेलखण्ड की चर्चा में मैंने व अनुज हनुमंत ने यह पाया था कि एमपी बुंदेलखण्ड के नागरिको में बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण को लेकर कोई खास चेतना नहीं महसूस होती है , हमें साफ नजर आया था कि यहाँ के निवासी मध्यप्रदेश के साथ ही अपने अस्तित्व को महसूस करते हैं। इस पर ही बुंदेलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला का कथन था कि मध्यप्रदेश की जनता शांतिपूर्ण राज्य निर्माण के पक्ष मे है जबकि वह हिंसा आदि अराजक आंदोलन के पथ के समर्थक नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी आंदोलन के दो पक्ष होते हैं। एक अहिंसा और दूसरा हिंसा वैसे ही मनुष्य आंदोलन का पथ चुनता है तो क्षेत्र के अनुसार मनुष्य की प्रकृति मे अंतर होता है। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड भूभाग में इंसानी स्वभाव व आंदोलन के स्वरूप तनिक अंतर जरूर है पर सभी बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण से ही यहाँ के विकास का उदय होगा , ऐसा लगभग सभी का मानना है।

बुंदेलखण्ड की राजधानी के सवाल के जवाब में आप हंसने लगे और बोले कि राजधानी राज्य निर्माण के अपेक्षा छोटा सवाल है और इस सवाल का जवाब राज्य निर्माण के बाद ही मिल सकता है। इस तरह वे राजधानी के सवाल को टाल गए लेकिन यह बड़ा सवाल है कि राजधानी झांसी , ग्वालियर और चित्रकूट मे से कौन ? जिसको जहाँ से आसानी होती है या लगाव होता है वो वहीं राजधानी भी चाहता है।

राज्य निर्माण के सवाल – जवाब के विषय मे प्रकाश डालते हुए आप एकाएक किसानों के संदर्भ मे चर्चा करने लगे। उन्होंने कहा कि मैं बुंदेलखण्ड मे हूँ और सबसे बड़ी बात की चित्रकूट मे हूँ। मैंने जब भी किसी बड़े कार्य की शुरुआत की है तो चित्रकूट से ही की है , ऐसा उन्होंने इस सवाल के जवाब मे कहा कि आपकी आत्मा का चित्रकूट की आत्मा से क्या खास रिश्ता है ? तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए चित्रकूट शुभ है और मैंने बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन भी प्रमुखता से चित्रकूट से ही चलाया।

चित्रकूट का नाम आने पर उन्होंने बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह की ओर इशारा किया। जैसे कि उन्होंने साबित कि वह अपने साथियों को नहीं भूलते बल्कि पूरा श्रेय देते हैं व कृतज्ञता जताते हैं। उन्होंने अजीत सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि आंदोलन के स्वरूप का आकार चित्रकूट से बड़ा हुआ। इस तरह वह चित्रकूट से अपनी आत्मा के रिश्ते को विश्लेषित करते हैं।

देश भर किसान बिल को लेकर माहौल गर्म है और कोरोना वायरस से बचाव के लिए गरम पानी पीते हुए राजा बुंदेला कहते हैं कि क्या विपक्ष ने किसान बिल पढ़ा है ? यदि पढ़ा है तो किसान को सही जानकारी दें अन्यथा बिन पढ़े राजनीतिक अफवाह फैलाकर देश व समाज को गुमराह ना करें !

उन्होंने कहा कि योगी – मोदी किसान के साथी हैं। केन्द्र सरकार ने किसानों को विकल्प मुहैया कराया है। जिससे किसान उत्पीड़न शिकार ना होकर विकल्प का प्रयोग कर फसल का अच्छा दाम सरलता से प्राप्त कर सके। और मंडी मे कमीशनखोरी मे लगाम लगेगी। बाजार में दस प्रतिशत की कटौती से भी किसान को राहत मिलेगी। इस तरह किसान को बिचौलियों से मुक्ति दिलाई गई है और यह सरकार स्वामीनाथन आयोग की शर्तों के अनुसार ही किसान बिल को लेकर आई है , जिसके भविष्य में लाभप्रद परिणाम होंगे।

एक फिल्म अभिनेता होने के रिश्ते से बालीवुड मे ड्रग्स और मूवी माफिया के सवाल के जवाब मे उन्होंने कहा कि उसका सर्वोत्तम हल नोएडा फिल्म सिटी निर्माण है , जिसके निर्माण के साथ ही मुंबई के मूवी माफिया और ड्रग एडिक्ट पर लगाम लग जाएगी। अभी बालीवुड से नशे का पैसा पाकिस्तान की ओर चला जाता है , जिससे आतंकी आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग सप्लायर अप्रत्यक्ष रूप से आतंकी संगठन है , जिसकी एक बड़ी चेन है जैसे कि पहले अफगानिस्तान के रास्ते से ड्रग भारत मे आता था परंतु इस बीच ड्रग सप्लायर पाकिस्तान से भारत मे ड्रग का कारोबार करते हैं।

अंत मे उन्होंने कहा कि मैं केन्द्र और राज्य सरकार के दूत के रूप मे आया हूँ और किसानों को यह विश्वास दिलाने आया हूँ कि किसान बिल किसान की समृद्धि का द्वार खोलते हैं। इस नई व्यवस्था में बिचौलियों की गुलामी से किसान को आजादी मिली है व दोगुनी आय के आसार प्रबल हुए हैं। इस दौरान इंटर कॉलेज के प्रबंधक सुनील कुमार पटेल को उन्होंने एक अच्छे शिक्षण संस्थान के संचालन की बधाई दी और भविष्य मे यहाँ से अनेको आईएएस निकलें , ऐसी शुभकामनायें प्रेषित कीं।

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