चित्रकूट मे मैराथन से सधेंगे अनेक लक्ष्य

नेशनल क्लाइमेट चेंज 2023 लखनऊ मे आयोजित प्रोग्राम मे शिरकत कर चुकी दिव्या त्रिपाठी ने कहा कि मैराथन मे दौड़ने के साथ शुद्ध और सुगंधित वायु के लिए संदेश दिया जाएगा। वृक्षारोपण का अभियान जुड़ने से यह कार्यक्रम आकर्षक हो गया है। मंदाकिनी नदी को बचाने के लिए मदनगोपाल दास जी महाराज ने जो विचार रखे हैं वो सराहनीय है दौड़ेगा युवा मंदाकिनी नदी को बचाने के लिए

मैराथन का नाम महानगरों से जुड़ा रहता था लेकिन कुछ वर्ष पूर्व चित्रकूट मे पहले भी एक बार मैराथन का आयोजन हुआ था। अब 2023 के वर्ष मे कामदगिरि परिक्रमा के प्रथम द्वार के पीठाधीश्वर मदनगोपाल दास जी महाराज द्वारा मैराथन कराने का विचार रखा गया है जिसकी योजना बैठक चित्रकूट इंटर कॉलेज मे संपन्न हुई।

महंत मदनगोपाल दास जी महाराज ने योजना बैठक मे मैराथन कहाँ कराई जाए इस पर जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक हनुमान धारा बायपास से सतना मार्ग की ओर स्थित चौराहे के पास देवी जी के मंदिर तक मैराथन का मार्ग तय हुआ है।

बैठक मे मौजूद महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी ने बताया कि यह मार्ग प्राकृतिक छटा से हराभरा है। आमतौर पर यहाँ से निकलने मे फील गुड होता है और मन प्रसन्न हो जाता है। इसलिए यह मैराथन शानदार होने वाली है और इसमे भाग लेने वालों को बहुत अच्छा लगेगा।

एक मैराथन से अनेक लक्ष्य साधे जा रहे हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण मनुष्य का स्वास्थ्य होता है और एक स्वास्थ्य महिला हो या पुरूष जीवन का हर लक्ष्य हासिल कर सुखी जीवन जी सकते हैं और दौड़ना एक ऐसा व्यामाम है जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर ऊर्जावान हो जाता है।

मैराथन मे भाजपा के जिला महामंत्री आलोक पाण्डेय भी मौजूद रहे जिन्होंने कहा कि मैराथन योजना बैठक मे वृहद वृक्षारोपण किए जाने की बात हुई। जिसमे उपस्थित सभी युवाओं ने पौधों के साथ फोटो खिचवाई जिन्हें सोशल मीडिया पर डालकर नागरिक समाज को संदेश दिया जाएगा कि हमारे इस अभियान मे सहभागी बनें।

नेशनल क्लाइमेट चेंज 2023 लखनऊ मे आयोजित प्रोग्राम मे शिरकत कर चुकी दिव्या त्रिपाठी ने कहा कि मैराथन मे दौड़ने के साथ शुद्ध और सुगंधित वायु के लिए संदेश दिया जाएगा। वृक्षारोपण का अभियान जुड़ने से यह कार्यक्रम आकर्षक हो गया है।

इस दौरान बैठक मे उपस्थित युवाओं से अक्टूबर माह मे होने वाली मैराथन के संदर्भ मे चर्चा हुई जिसकी तैयारियों के लिए सबको सक्रिय होने को कहा गया है। कार्यक्रम के जिला संयोजकों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है।