भाजपा का स्थापना दिवस : 6 अप्रैल 1980 से 2047 तक विकसित भारत का संकल्प दिव्या त्रिपाठी

भारतीय राजनीति के इतिहास में 6 अप्रैल 1980 एक ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज है। इस दिन एक वैचारिक आंदोलन ने राजनीतिक आकार लिया, जिसका उद्देश्य भारत को सांस्कृतिक, वैचारिक और विकास के पथ पर आगे बढ़ाना था। भारतीय जनता पार्टी की स्थापना केवल सत्ता के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्र को उसकी मूल पहचान और गौरव के साथ जोड़ने के लिए हुई थी।
● संघर्षों से सत्ता तक की यात्रा
भाजपा का प्रारंभिक काल चुनौतियों से भरा रहा। सीमित संसदीय उपस्थिति और तमाम वैचारिक विरोधों के बीच पार्टी ने जनमानस से जुड़ने की जो नीति अपनाई, वही उसकी सबसे बड़ी ताकत बनी। राम जन्मभूमि आंदोलन, कश्मीर मुद्दे पर स्पष्ट रुख, और अंत्योदय की भावना जैसे विषयों पर पार्टी ने कभी अपने विचारों से समझौता नहीं किया।
● 2014 और 2019 : निर्णायक बदलाव का युग
2014 में जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला, तब यह स्पष्ट हो गया कि देश परिवर्तन चाहता है। 2019 में यह जनादेश और भी प्रचंड रूप में सामने आया। अनुच्छेद 370 की समाप्ति, तीन तलाक कानून, CAA और राम मंदिर निर्माण जैसे ऐतिहासिक निर्णयों ने यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा का नेतृत्व केवल घोषणाओं में नहीं, क्रियान्वयन में विश्वास करता है।
● विकास की दिशा में ठोस कदम
पिछले एक दशक में भारत में जिस तेज़ी से आधारभूत ढांचे का विकास हुआ, डिजिटल क्रांति आई, किसानों, युवाओं और महिलाओं को योजनाओं से जोड़ा गया , वह अभूतपूर्व है। स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, मुद्रा योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत — ये सब एक नए भारत की नींव के प्रमाण हैं।
● नारी शक्ति वंदन अधिनियम : सशक्त भारत की आधारशिला
भाजपा के नेतृत्व में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल नारी शक्ति वंदन अधिनियम रही है। दशकों से लंबित महिला आरक्षण बिल को संवैधानिक मंज़ूरी दिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सिद्ध कर दिया कि भाजपा की दृष्टि में नारी केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि नीति निर्धारक है।
यह अधिनियम नारी को निर्णय प्रक्रिया में बराबरी का अवसर देता है — पंचायत से लेकर संसद तक। यह न सिर्फ सामाजिक न्याय का प्रतीक है, बल्कि विकसित भारत की दिशा में एक ठोस कदम भी है। भाजपा का यह प्रयास आने वाले वर्षों में राजनीतिक विमर्श को और अधिक समावेशी और संतुलित बनाएगा।
● 2047 की ओर विकसित भारत का संकल्प
भारत जब अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तब लक्ष्य केवल आर्थिक तरक्की तक सीमित नहीं रहेगा। भाजपा का विजन है ऐसा भारत जो तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर हो, सामाजिक रूप से समरस हो, सुरक्षा के क्षेत्र में सशक्त हो और सांस्कृतिक रूप से जागरूक हो।
‘विकसित भारत 2047’ केवल एक नारा नहीं, एक मिशन है — जो 140 करोड़ भारतीयों की सामूहिक आकांक्षा है। भाजपा इस संकल्प की वाहक है, और उसकी नीतियाँ इस दिशा में स्पष्ट रूप से कार्यरत हैं।
● स्थापना से संकल्प तक एक विचार की यात्रा
1980 में जो विचार बोया गया था, वह आज जन-जन का विश्वास बन चुका है। भाजपा केवल एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक राष्ट्रवादी विचारधारा का संगठित स्वरूप है — जिसकी जड़ें भारतीय समाज की संवेदना में गहराई से जुड़ी हैं।
इस स्थापना दिवस पर हम गर्व से कह सकते हैं कि भाजपा ने न केवल अतीत के गौरव को पुनर्स्थापित किया है, बल्कि भविष्य की दिशा भी सुनिश्चित की है। यह यात्रा जारी है — संकल्प के साथ, सेवा भाव के साथ, और राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ।
दिव्या त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष (महिला मोर्चा), भाजपा चित्रकूट