एक सुंदर सी जिंदगी समाप्त हो गई आत्महत्या कर के लोग चुप हैं ! क्यों ?

@Saurabhdwivedi

एक सुंदर सी जिंदगी समाप्त हो गई आत्महत्या कर के लोग चुप हैं ! क्यों ? समाज की ये चुप्पी किसी बड़ी चीत्कार से ज्यादा खतरनाक और डरावनी है। मृत देह गोलू द्विवेदी को जब भी कामतानाथ के आश्रम मे देखता उसका आभा मंडल आकर्षित करता और महसूस होता कम उम्र मे ही ये युवा आध्यात्मिक धार्मिक जीवन मे रम रहा है , जो भविष्य मे एक उच्चकोटि का साधक संत या योगी के रूप मे समाज को प्राप्त हो सकता है।

उसका शांत मुस्कुराता हुआ मुख नीर की तरह झलकता जैसे उसका मन अत्यंत स्थिर था। कभी उसके मन की अस्थिरता महसूस नही हुई चूंकि वह कामतानाथ के प्रमुख संत – महंत के साथ अन्य कार्यक्रम मे नजर आता था। मैं ऐसे युवा सन्यासी को देखकर मोहित होता और भविष्य की कल्पना मे खो जाता।

बड़ा सवाल मेरे मन मे जन्मता है कि धार्मिक आध्यात्मिक ऊर्जा के तले निवास करने वाला तरूण युवा सन्यासी गोलू द्विवेदी आत्महत्या कैसे कर सकता है ? आत्महत्या तब कोई करता है जब उसकी आत्मा ढलकर निम्न स्तरीय आत्मा हो जाए , वह अवसाद से ग्रसित हो जाए।

हाल ही के दिन मे राजेन्द्र दास महराज की कथा मे भी वह प्रसन्नचित्त दिखा जब मदनगोपाल दास महराज वहाँ कथा श्रवण करने आए थे तब वही सन्यासी बालक मुझे देखकर मुस्कुराया , हमारी राम राम हुई। उस पल भी मेरी दृष्टि मे वह स्थिर चित्त वाला प्रसन्न आभामंडल का युवा सन्यासी महसूस हुआ।

अभी सूत्रों की मानें तो जहर खाने से पूर्व कर्वी चित्रकूट मे देखा गया और सब ठीक-ठीक नजर आने की बात कही जा रही है। किन्तु कुछ ही समय पश्चात उसके जहर खा लेने की खबर सुर्ख़ियों मे छाने लगती है।

हतप्रभ हो जाते हैं कि जिन कामतानाथ की प्रार्थना करने से परेशान व्यक्ति का जीवन सीने लगता है। जिस आध्यात्मिक धार्मिक ऊर्जा से व्यक्ति अवसाद मुक्त हो जाता है उस धार्मिक आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रवाह क्षेत्र मे निवास करने वाला युवा सन्यासी जहर क्यों खाएगा ? आत्महत्या क्यों करेगा ? सिर्फ प्रेम प्रसंग की बात से जहर खाएगा ? वह भी आत्महत्या के बाद उसके प्रेम प्रसंग की खबर सामने आती है।

जबकि प्रेम अगर महज आकर्षण वाला युवाओं वाला हो तो सतप्रतिशत मन विचलित होगा और आभामंडल मे विकार झलकने लगेंगे और एक गहरी दृष्टि डालने पर भी उस युवा सन्यासी के मुख मंडल मे ऐसा विकार नजर नही आया कभी !

एक सवाल और जन्मता है कि कहीं युवा होने के कारण आत्महत्या और प्रेम का काॅकटेल असत्य तो नही ? पर पूछेगा कौन ? किसे मतलब है ? किसका बेटा मरा है ? कौन माँ ने अपना बेटा खोया है ? कौन पिता ने अपना बेटा खोया है ? किस भाई बहन ने अपना भाई रक्षाबंधन से पहले खोया है ? सबको को उन्नति करने की सोचना है और इसलिए अपने अपने काम मे मन लगाना है और अमीर होना है भले कल कोई आप मे से ही गोलू द्विवेदी हो तो ? मर गए तो मर गए समाज को क्या करना है ?

बता रहे हैं प्रेम प्रसंग था मान लीजिए पर सवाल नही करना कि प्रेम प्रसंग कैसे था ? उस धर्मनगरी के पवित्र अद्भुत ऊर्जा क्षेत्र वाले आंगन का महत्व इतना बड़ा है कि एक शक की उंगली उस ओर उठनी नही चाहिए ? फिर भी सब इतना तो कर सकते हैं कि युवा सन्यासी की आत्मा के लिए कामतानाथ मे श्रद्धांजलि के दीप प्रज्वलन कर दें।