फेसबुक पर सांसद बांदा की मउर वाली पिक तो 2024 को लेकर ये तय माना जा रहा है

उनके नाम का हिन्दी अनुवाद रामकृपाल पटेल है , और सन 2024 मे रामकृपा खूब बरसने वाली है चूंकि अगले साल जनवरी मकर संक्रांति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी होने वाली है तो अभी यह काल भाजपा का महत्वपूर्ण समय है और इससे ही भविष्य स्पष्ट नजर आ रहा है कि बांदा संसदीय क्षेत्र मे लगातार दोबारा सांसद बनने का इतिहास वह बनाएंगे , चूंकि उनकी नाम राशि और गृह नक्षत्र पर विचार करने से भी महत्वपूर्ण गृहों की चाल बता रही है कि भाजपा के राम और बांदा के रामकृपाल पटेल का विजय शंखनाद संयुक्त रूप से पुनः होगा।

फेसबुक पर सांसद बांदा ने पगड़ी वाली तस्वीर लगाई। जिसे बुन्देलखण्ड मे मऊर कहते हैं। एक कहावत चुनाव के समय खूब कही जाती है कि ” मऊर बांध ल्याव। “

इसलिए सोशल मीडिया पर यूजर्स कहने लगे कि ये 2024 की मऊर है। कहने का मतलब साफ है कि लोग 2024 मे पुनः आरके पटेल को सांसद प्रत्याशी के रूप मे देखने लगे हैं।

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उनकी इस तस्वीर को लेकर चर्चा हुई तो राजनीति का विश्लेषण करने वाले जानकार लोग कहने लगे कि सांसद आरके पटेल जैसा प्रत्याशी कौन ? जो वास्तव मे इतनी बड़ी लोकसभा मे निर्विवाद रूप से चुनाव लड़ सके। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि भाजपा की नीति और सांसद की लोकप्रियता फिर एक बार चुनावी जीत का बड़ा फैक्टर साबित होगी।

एक ज्योतिष व मनोविज्ञान के जानकार से बात होने पर मालूम हुआ कि गुलाबी पगड़ी का बड़ा आकर्षण है और सांसद बांदा पर यह रंग ऊर्जा का बड़ा स्रोत है। वह कहते हैं कि समय , मनुष्य और रंग का कार्यक्षेत्र मे बहुत असर पड़ता है।

उनके नाम का हिन्दी अनुवाद रामकृपाल पटेल है , और सन 2024 मे रामकृपा खूब बरसने वाली है चूंकि अगले साल जनवरी मकर संक्रांति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी होने वाली है तो अभी यह काल भाजपा का महत्वपूर्ण समय है और इससे ही भविष्य स्पष्ट नजर आ रहा है कि बांदा संसदीय क्षेत्र मे लगातार दोबारा सांसद बनने का इतिहास वह बनाएंगे , चूंकि उनकी नाम राशि और गृह नक्षत्र पर विचार करने से भी महत्वपूर्ण गृहों की चाल बता रही है कि भाजपा के राम और बांदा के रामकृपाल पटेल का विजय शंखनाद संयुक्त रूप से पुनः होगा।

इधर कुछ सामाजिक लोगों ने भी उनकी फेसबुक प्रोफाइल पिक पर शानदार टिप्पणी की और सबको यह प्रोफाइल पिक इस तरह भा गई कि अनेक टिप्पणी 2024 के चुनाव की ओर इंगित कर रही थीं। लोगों का यह मानना भी है कि बदलते समय मे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद मे जातियों से ऊपर उठकर जनता वोट करती है और जो प्रत्याशी समाज के हर वर्ग का वोट पाता है वही विजयी होता है। सांसद आरके पटेल अपने कार्यों की बदौलत लोकप्रियता के स्तर को बनाए हुए नजर आ रहे हैं।

फिलहाल भाजपा ने अभी से आगामी लोकसभा चुनाव की जीत के लिए हर तरह के प्रयास करने शुरू कर दिए हैं तो वहीं विपक्ष भी जीत की कोशिश मे डट गया है। बुन्देलखण्ड मे भाजपा पुनः परचम लहराकर व दावा है कि उत्तर प्रदेश की 80 सीट जीतकर केन्द्र मे सरकार बनाने के लिए सक्रिय हो चुकी है।