अदृश्य वायरस पर हवन का असर .

@Saurabh Dwivedi

धार्मिक मान्यता के अनुसार हवन करने से आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। हवन के औषधीय गुण से विषाणु नष्ट होने की भी मान्यता है एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार शुरू हो जाता है। यही वजह है कि कोरोना वायरस के लिए भी हवन का प्रयोग किया जा रहा है।

मऊ के भिटारी निवासी धर्मेंद्र कुमार पाण्डेय ने साथियों संग आस्था के अनुरूप हवन कर जन स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की। आपने भी कभी जिंदगी मे पलायन किया था। जनपद चित्रकूट के बच्चा – बच्चा की भाग्य रेखा मे पलायन की रेखा अवश्य खिंच जाती है। एक समय आपने जीवन यापन के लिए इंदौर का रूख किया था।

पुरूष के पुरूषार्थ से उसका भाग्योदय होने लगता है। कभी बंदूक लेकर निजी सुरक्षा कर्मी की नौकरी करने वाले श्री पाण्डेय अब एक कंपनी के मालिक हैं। इनकी अपनी सिक्योरिटी एजेंसी है और कम पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का बड़ा काम कर रहे हैं।

कहते हैं ; जन्मभूमि का मोह कभी मरता नहीं। इंसान इस मोह से मुक्ति नहीं प्राप्त कर पाता। यही वजह है कि इंदौर से अपने गांव – अपने क्षेत्र की चिंता लगी रहती है। सफलता के साथ राजनीतिक सक्रियता बढ़ी और दल के रूप में भाजपा को चुना !

इनके व्यक्तित्व की बड़ी बात है कि ठेठ होने के कारण से सच्चाई आमने-सामने बोल देते हैं अर्थात आज के अनुरूप कुटिलता नहीं है। वह चतुराई नहीं है जो आमतौर पर लोग राजनीति , सामाजिक और पारिवारिक जीवन में कूटनीति के लिए प्रयोग करते हैं , फिर भी आप राजनीति की दुनिया मे हैं।

अनलाक वन में इनका मोह ही इन्हें पैतृक गांव – जनपद की ओर खींच लाया। धर्म नगरी चित्रकूट में वानर सेना की सेवा करते हुए तस्वीरें वायरल हुईं तो वहीं एक गांव में युवाओं के संग हवन कर स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना की !

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जब कोई विकल्प शेष नहीं बचता तब हवन ही आस्था के रूप में पहला और अंतिम संकल्प होता है। चिकित्सकीय वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता कि कोरोना वायरस हवन से समाप्त हो सकता है। परंतु प्रार्थना की शक्ति पर भरोसा किया जा सकता है वरन ऐसा है , यही वजह है कि युवाओं ने हवन कर परमात्मा से स्वस्थ जीवन की प्रार्थना की।

भाजपा नेता धर्मेंद्र पाण्डेय ने कहा कि आशा है परमात्मा हमारी प्रार्थना स्वीकार करेंगे और हमारी जानी – अनजानी गलतियों को माफ कर शीघ्र वायरस से मुक्ति प्रदान करेंगे। लेकिन मनुष्य को स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति के महत्व को समझना होगा। सभी को संकल्प लेकर स्वच्छता को अपनाना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के द्वारा प्रकृति की कृपा से स्वस्थ जीवन जीना एकदम सरल मार्ग है परंतु इसके लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा।

अंत मे उन्होंने कहा कि वायरस ने हमें गांव की ओर सोचने को मजबूर किया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत होना चाहिए एवं हरे – भरे गांव ही नवजीवन प्रदान करेंगे।

जियो और जीने दो के मंत्र को अपनाना होगा , यह वृक्ष जीवन व जीव – जन्तु और पशु जीवन के दृष्टिकोण से भी सही है। गांव पर जैसे कार्यक्रम को सराहते हुए उन्होंने कहा कि इससे गांव के मुद्दों पर प्रकाश पड़ेगा , जिससे भविष्य में प्रत्येक समस्या पर कार्य कर ग्रामीणों को उच्च जीवन स्तर की जिंदगी प्रदान की जा सकती है परंतु गांव के लोगों की भी चेतना जागृत होनी चाहिए , भरोसा है कि अब गांव से शहर तक बहुत कुछ बदल जाएगा।

डी. के. पाण्डेय के नाम से मशहूर भाजपा नेता ने कहा कि गांव पर चर्चा जैसे कार्यक्रम मे सभी को सहयोग करना चाहिए , जिससे गांव के मुद्दे राष्ट्रीय पटल पर स्थापित हो सकें और यही सही समय है।

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