जनसुनवाई मे बड़ा खेल खेलते हैं अधिकारी खण्ड शिक्षा अधिकारी ने लगाई ये आख्या.
मऊ चित्रकूट : सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने एक एप लांच करवाया था जिसका उद्देश्य समस्या और शिकायतों का त्वरित निस्तारण करना है। लेकिन शब्दों के मायाजाल से शिकायतकर्ता को ही परेशान कर देते हैं अधिकारी।
मऊ क्षेत्र के निवासी मनीष कुमार ने विद्यालयों मे छात्र / छात्राओं को दूध वितरण ना होने से संबंधित शिकायत दर्ज की थी। उक्त शिकायत मे कहा गया कि छात्र – छात्राओं निर्धारित तिथि पर मेन्यू के नियमानुसार दूध नही दिया जा रहा है। बच्चों के स्वास्थ्य एवं सरकारी धन के सदुपयोग की दृष्टिगत रखते हुए जांच कर कार्रवाई करें और समस्या का निस्तारण करें।
अब यहीं से खण्ड शिक्षा अधिकारी मऊ की भूमिका शुरू हो जाती है। इन अधिकारी महोदय ने निस्तारण आख्या लगाकर डीएम चित्रकूट को प्रेषित कर दी। उन्होंने लिखा कि विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने बताया है कि नियमानुसार दूध का वितरण छात्र – छात्राओं को किया जा रहा है।
अब सोचिए जरा सा कोई आम आदमी भी पूछेगा कि मास्टर साहब दूध बटत है ना ? अरे रोज बटत है। दिन के अनुसार छात्रों को दूध दिया जाता है , यही तो कहेंगे प्रधानाचार्य फिर खण्ड शिक्षा अधिकारी ने कौन सा चमत्कार कर दिया ?
आम जनता को और गांव की अभिभावक समिति को स्कूल मे नजर रखनी चाहिए। बुधवार के दिन दूध बटने का नियम है। इतनी सी जागरूकता आवश्यक है।
जब शिकायतकर्ता ने दूरसंचार पर खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय से आख्या से संबंधित असहमति जताई तो अधिकारी महोदय कहने लगे आप जिन – जिन गांव और स्कूल बता रहे हैं वहाँ सब जगह जाकर जांच कर लेंगे। अब सोचिए कि अधिकारी महोदय को पहले ही जांच करने जाना चाहिए फिर आख्या लगानी चाहिए। अब ये वक्त ही बता सकता है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी मऊ कितनी ईमानदारी से जांच करेंगे कि किसी पर आंच आ जाए और बच्चों की जान तंदुरुस्त रहे।
कुल मिलाकर के उत्तर प्रदेश सरकार को तीसरी नेत्र से ऐसे आख्याखोर अधिकारियों पर नजर रखनी चाहिए और गलती पाए जाने पर भस्म कर देना चाहिए अर्थात सीधे निलंबित करने लगें तो यह स्थलीय निरीक्षण कर सचमुच समस्या का त्वरित निस्तारण करेंगे अन्यथा आख्याखोर अफसर योगी सरकार को कठपुतली सरकार बनाए रखेगें।