महिला दिवस पर जया आचार्य की कहानी.

Saurabh Dwivedi 

महिला दिवस प्रत्येक महिला के लिए महत्वपूर्ण है। उस महिला के लिए और महत्वपूर्ण हो जाता जिसने स्वयंं के दम पर मुकाम हासिल किया हो। दिल्ली की जया आचार्य एक ऐसी ही महिला हैं, जिनकी कहानी वूमन इम्पावरमेंट हेतु बेहद दिलचस्प व प्रेरक है। 

दुनिया भर में पुरूषों के लिए फूड सप्लीमेंट का व्यवसाय पुरूष ही करते आए हैं। यह पुरूषों का पुरूष के लिए व्यवसाय माना गया। उस पर भी दुनिया भर के विदेशी एनर्जेटिक प्रोडक्ट की बाजार में भरमार है। 

किन्तु हृदय से स्वदेशी जया आचार्य न ठाना कि स्वदेशी पुरूषों को स्वदेशी एनर्जेटिक प्रोडक्ट ही प्रयोग करने चाहिए। इनकी खुद की कंपनी का प्रोडक्ट पिछले नौ साल से लगातार मार्केट में दुनिया भर के प्रोडक्ट को चुनौती दे रहे हैं। आज सफलता के उच्च दर्जे पर पूर्ण विश्वास के साथ अपनी जगह बनाए हुए हैं। 

जया आचार्य स्वयं के बारे में बताती हैं कि नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक हर चुनौती का खुलकर सामना किया, वह भी बिना किसी बैक सपोट के और सफलता हेतु संकल्पित रहीं। 

इसी संकल्प की बदौलत अपनी कंपनी के प्रोडक्ट मार्केट में उतारकर जिम जाने वाले हर युवा को बेहतर क्वालिटी वाला प्रोडक्ट प्रदान कर मेक इन इंडिया में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। 

इनकी कहानी हर महिला के लिए प्रेरणात्मक है। ये महिला सशक्तिकरण की बेहतरीन उदाहरण हैं। विश्व महिला दिवस पर महिलाओं को बधाई के साथ उद्देश्य तय करने चाहिए।