अचानक कब क्या और कैसे हुआ कि कुशल तैराक का शव अगली सुबह मंदाकिनी नदी मे मिला ? इसकी पड़ताल मे आखिर पुलिस पीछे क्यों हट रही है ?

अब तक इस मामले मे कोतवाली कर्वी / सीतापुर चौकी द्वारा एफआईआर नही दर्ज की गई है

चित्रकूट / सीतापुर : सिंचाई विभाग कालोनी के पीछे मंदाकिनी नदी मे 5 अगस्त की सुबह एक शव तैरता हुआ दिखने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम हाउस ले गई तब वहाँ की प्रथम रिपोर्ट के मुताबिक इसे नदी मे डूबकर मरने की घटना करार दे दिया गया।

मृतक नितेश मिश्रा उर्फ सोनू के भाई गुंजन मिश्रा जो पर्यावरण विद हैं और देश की राजधानी मे दिल्ली मे रहकर पर्यावरण पर विभिन्न राष्ट्रीय चैनल मे पर्यावरण के संबंध मे उपयोगी जानकारी देते हैं जब उनको सूचना मिली कि भाई की मृत्यु हो गई है तो वह दिल्ली से चित्रकूट आते हैं।

गुंजन मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक चित्रकूट के नाम पत्र लिखकर कहा है कि उनका भाई नितेश मिश्रा कुशल तैराक था तो नदी मे डूबकर मरने की बात पूर्ण सत्य नही महसूस होती है एवं कारण गिनाते हुए उन्होंने कहा कि मौके पर तन पर शर्ट ना बरामद होना व नाक से खून आना और हाथ पर नीला निशान होना इस आशंका को प्रबल करता है कि उनकी हत्या की गई है।

उन्होने कहा कि इस संबंध मे सीतापुर चौकी प्रभारी से व्हाट्सएप पर अनुरोध किया था कि सीसीटीवी कैमरा आदि चेक कर पता लगाने की कोशिश करें कि उनके भाई की हत्या हुई है कि नही ? किन्तु इस संबंध मे पुलिस द्वारा तनिक भी इंट्रेस्ट नही दिखाया गया।

गुंजन मिश्रा के लिखे गए प्रार्थना पत्र के अनुसार 4 अगस्त की शाम करीब 6 बजे से उनके भाई घर वापस नही लौटे थे एवं मृतक नितेश मिश्रा को आसपास के लोगों ने रात करीब 9: 30 बजे तक सिंचाई कॉलोनी मे घूमते हुए देखा था तो अचानक कब क्या और कैसे हुआ कि नितेश मिश्रा का शव अगली सुबह मंदाकिनी नदी मे मिला ? इसकी पड़ताल मे आखिर पुलिस पीछे क्यों हट रही है ?

ऐसे तमाम पुख्ता कारणों के साथ गुंजन मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक चित्रकूट को पत्र लिखते हुए मांग की है कि इसे नार्मल डेथ ना मानकर हत्या किए जाने की आशंका से तीव्र गति से पड़ताल की जाए तो विवेचना मे साफ हो सकता है कि यह हत्या है कि नही !

उन्होंने इस संबंध मे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , मानवाधिकार आयोग भारत सरकार नई दिल्ली व एडीजी लाॅ एंड आर्डर उत्तर प्रदेश सरकार सहित जिलाधिकारी चित्रकूट को संबोधित पत्र भी डाक द्वारा भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। जबकि इस मामले मे सीतापुर चौकी या कोतवाली कर्वी द्वारा अब तक कोई एफआईआर नही दर्ज की गई है।