प्रेम : एक छवि मन में बस जाती है वही जीवनधारा हो जाती है।
By – Saurabh Dwivedi
कुछ ही प्रेम कहानियां होती हैं जो जीवंत रह जाती हैं। वरना इस समाज में जितना प्रेम की हत्या हुई उतना नफरत – आतंक और कुंठा की हत्या नहीं हो सकी। ज्यादातर असफल प्रेम कहानियों का कारण समाज में व्याप्त तमाम किन्तु – परंतु जैसी व्याधियां रही हैं।
बेशक एक सामाजिक व्यवस्था में कपल रहते हैं। एक छत के नीचे जीते हैं। अलबत्ता कुछ में प्रेम का अंकुरण हो जाता है और कुछ साथ – साथ जीने के आदी हो जाते हैं। तो वहीं कुछ की मजबूरी बन जाती है कि अब जीवन है और इसे जीना है। बावजूद इसके कि मरते दम तक वास्तविक आत्मीय प्रेम का अहसास हुआ ही ना हो !
जब अलौकिक प्रेम महसूस हो जाता है तब देह और आत्मा के मिलन से अद्भुत स्वर्गीय सुख का अहसास हो जाता है। अगर कहीं स्वर्ग की कल्पना साकार होती है तो आसमानी स्वर्ग के बाद एक स्वर्ग सीने के अंदर हृदय में समाहित होता है। जिस सुख की बात करते हैं , वह पल भर का सुख ही स्वर्ग सी अनुभूति है। प्रेम वो कल्पवृक्ष है जिसकी छायातले वास्तव में चिरकाल तक जवां जवां आनंदित महसूस करना होता है।
एक ऐसी प्रेम कहानी जो समाज की मर्यादाओं को भंग करती है। जहाँ नफरत , कुंठा और दुख ” अंग – भंग ” आंदोलन की तर्ज में दमित हो जाते हैं। समाज की तमाम दहलीज जैसी लकीरें मिटा दी जाती हैं और अमृता – इमरोज एक छत के नीचे से निकलकर संसार के आसमान तले प्रेम के उदाहरण बनकर छा जाते हैं। उन्होंने प्रेम महसूस किया , प्रेम रचा और खतों के जरिए आज भी प्रेम बनकर पढ़े जा रहे हैं।
ऐसी ही कुछ कहानियां समाज के सामने शायद नहीं आ सकीं और आईं भी तो उन पर पर्दा पड़ा रह गया। वजह भी समाज है। किन्तु प्रेम वास्तव में ऐसे ही जिया जाता है। एक अद्भुत सी गहराई महसूस होती बिना किसी गहराई में उतरे हुए प्रेमिल मन गहराई की बात कहने लगता है। एक छवि मन में बस जाती है , वही अंदर इठलाती है , मुस्कुराती है। जिंदगी भर का अहसास बन जाती है। शब्दों से रिसने लगती है। दुनिया की सबसे खूबसूरत छवि वो प्रेम की छवि होती है। उसके समक्ष दुनिया की खूबसूरती नगण्य हो जाती है। हाँ जब प्रेम में होते हैं तब ऐसे ही हृदय से शब्द – शब्द प्रस्फुटित होकर किताब भी बन जाती है।
सिर्फ एक चुनौती होती है कि सामाजिक वजह से दूरियों के बावजूद भी अपने हिस्से का प्रेम जी लें। सांसो से महसूस होता प्रेम सांसो के संग जीवन धारा बन जाए। जहाँ अमिलन के बावजूद भी जीने का हौसला आ जाए , हाँ अप्रत्याशित प्रेम कहानियों में ऐसा भी घटित होता है।