जन्म होते ही शिवांशी बनीं प्रकृति मित्र

Saurabh Dwivedi

हमारा प्रयास स्वयंसेवी संस्था द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान को चिरजीवी बनाए रखने हेतु बेटी के जन्म के साथ पेड लगाए जाने की परंपरा की शुरुआत की गई। इस संस्था के संरक्षक अशोक दुबे समाजसेवी स्वभाव के व्यक्तित्व के धनी हैं और उनका ध्येय रहा कि मानवता आदिकाल तक जीवंत रहे। उनके ही मार्गदर्शन में इस विशेष परंपरा की शुरुआत की गई। 

पिछली 31 जनवरी को महोबा निवासी वर्तमान में नोएडा में रहने वाले प्रशांत गुप्त को पुत्री रत्न की प्राप्ति हुई। जिसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम सेे मिलते ही निदेशक सौरभ द्विवेदी द्वारा एक वृक्ष लगाए जाने का अनुरोध किया गया। जिसे माता-पिता द्वारा सहज ही स्वीकार्य कर जन्मी बिटिया शिवांशी जन्म होने के साथ ही प्रकृति मित्र बनीं। 

संस्था की प्रथम प्रकृति मित्र बनने का गौरव शिवांशी को हासिल हुआ। भविष्य में इस प्रकार के प्रयास से स्थानीय स्तर से लेकर देश के किसी भी कोने पर जन्मी बेटी का जन्मदिन मनाकर परिवार को वृक्ष सौंपा जाएगा और वृक्षारोपण के लिए अनुरोध किया जाएगा। जैसे-जैसे बेटी बड़ी होगी, वैसे वैसे वृक्ष भी बड़ा होगा। बेटियां वास्तव में प्रकृति मित्र बन सकती हैं। बचपन से ही बच्चों के अंदर प्रकृति संरक्षण के संस्कार को जन्म देकर भविष्य में पर्यावरण संरक्षण को सही दिशा प्रदान की जा सकती है.

संस्था का जनहित को लेकर हमेशा से यही प्रयास रहा है। इसी संदर्भ में जनता गैराज मूवी की थीम पर जनता गैराज ब्लाग बेवसाइट बनाई गई है। संस्था के अध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य में इस प्रकार के प्रयास से पर्यावरण संरक्षण का अतुलनीय कार्य किया जाएगा।