सफलता का एक क्षण व अंधकार में ज्ञान का प्रकाश .
@Saurabh Dwivedi
जीवन मे एक क्षण पर्याप्त होता है। जब अंधकार मे प्रकाश फैलने लगता है। हमें बाहर का अंधकार नजर आता है , बाहर का प्रकाश भी नजर आता है। परंतु अंधकार आंतरिक होता है और प्रकाश भी आंतरिक होता है। हम ईश्वर की स्तुति करते हैं कि हे परमात्मा हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो , तो वह अंतर्मन के अंधकार को प्रकाश मे तब्दील करने की प्रार्थना होती है। जीवन में एक सही निर्णय और सही दिशा में चलने से आंतरिक अंधकार की समाप्ति होती है और हर किसी के जीवन में प्रकाश की सत्ता स्थापित होने लगती है।
एक दिन जब मैं विलासपुर की यात्रा के लिए लखनऊ से चल पड़ा तो रास्ते में चित्रकूट से गुजरने का नियम बन गया। एक मुसाफ़िर की तरह नवाबों के शहर से निकलना और कर्म क्षेत्र में व्यवसाय के प्रति नवयुवकों को जागरूक करना , खर्चे से आमदनी का मंत्र बताना और भविष्य संवारने के लिए चर्चा करना।
एक ऐसा ही पल चित्रकूट के पहाड़ी कस्बे मे आया। जब हमारे ग्रुप के मुख्य सलाहकार सौरभ द्विवेदी ने एक शिक्षक बुद्धविलास जी से मुलाकात करवाई। जीवन में एक शिक्षक से मुलाकात में कुछ ना कुछ शिक्षा अवश्य प्राप्त की जा सकती है और शिक्षक से व्यवसायिक शिक्षा पर चर्चा कर राष्ट्र निर्माण मे महत्वपूर्ण योगदान के लिए तैयार किया जा सकता है। चूंकि एक शिक्षक राष्ट्र के वास्तविक नेतृत्वकर्ता होते हैं तो शिक्षक बुद्धविलास जी से चर्चा करने से पहले ही बिजली अनिश्चित समय के लिए चली गई थी।
घर में प्रकाश के लिए कोई और संसाधन नहीं होने से कुछ और सोचना पड़ गया , कमरे के अंदर गर्मी बहुत थी। उमस ने हाल खराब कर रखा था। अंधकार की वजह से तन्मयता से बात नहीं हो सकती थी परंतु जीवन में उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक क्षण पर्याप्त होता है। एक प्रयास किया जाना आवश्यक होता है , ऐसे में तय हुआ कि प्राकृतिक अंधेरे व हल्के – हल्के प्रकाश के सहारे बहती बयार में चर्चा की जाएगी।
इस तरह मैं पंकज श्रीवास्तव , टेक्निकल एचीवर चंद्रकेश एवं सौरभ द्विवेदी सहित शिक्षक बुद्धविलास जी के साथ घर की छत पर खड़े हो गए। मैंने चर्चा की शुरूआत मे ही खर्चे से आमदनी के सूत्र की बात की और नेटवर्क मार्केटिंग के प्रत्येक पहलू से वाकिफ कराया। हम गहन अंधेरे में जीवन में प्रकाश की चर्चा कर रहे थे कि जीवन में हर समय धन की आवश्यकता महसूस होती है।
कुछ लोग धन बेइमानी से कमाते हैं। अधिक से अधिक धन कमाने के लिए अवैध आय का रास्ता बनाते हैं , यहीं से धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार जैसे शब्दों का जन्म होता है और यही सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। लेकिन जीवन में अधिक से अधिक आय ईमानदारी से भी प्राप्त की जा सकती है और स्वास्थ्य मिशन के जरिए एक स्वच्छ – स्वस्थ जीवन और राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।
नेटवर्क मार्केटिंग एक ऐसा सिस्टम है , जहाँ समय एक व्यक्ति के जीवन मे चक्रवृद्धि ब्याज की तरह बढ़ता चला जाता है। किन्तु इसके लिए इस सिस्टम को समझना जरूरी है और धैर्य के साथ काम करना आवश्यक है। चूंकि मनुष्य जन्म से बातूनी होता है , हम अपने जीवन मे सबसे अधिक समय फिजूल की बातों में गंवा देते हैं और फिजूलखर्ची से घर का बजट गडबड कर देते हैं , यही सब सीखने के लिए मिलता है नेटवर्क मार्केटिंग के इस सिस्टम में जो एक जिंदगी में जादुई परिवर्तन ला देता है।
अंधकार में प्रकाश की चर्चा कुछ इस तरह जारी थी। वो बाहरी अंधकार था और बाहरी प्रकाश की आवश्यकता थी। प्रकृति का अंधकार था तो प्रकृति के प्रकाश की आवश्यकता थी। शाम के पहर से रात के अंधकार की दस्तक अपनी तीव्र गति पर थी। किन्तु हम अंतर्मन मे व्याप्त अंधकार को मिटाने के लिए प्रकाशित शब्दों से जीवन में प्रकाश की चर्चा कर रहे थे। अंतर्मन का प्रकाश जीवन को आनंद से परिपूर्ण कर देता है।
मैं एक नेटवर्कर होने के साथ राष्ट्र निर्माण के लिए काम करता हूँ। राष्ट्र के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाने वाले नागरिकों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए संवाद करता हूँ और उत्तम सोच का निर्माण कर राष्ट्र निर्माण में एक भूमिका निभाता हूँ। पेशे से सरकारी शिक्षक बुद्धविलास विश्वकर्मा से ऐसे ही राष्ट्र निर्माण का संवाद हुआ , कि कैसे हम एफएमसीजी व हेल्थ प्रोडक्ट के साथ राष्ट्र निर्माण – जीवन निर्माण का काम कर सकते हैं और इस तरह अंधकार में प्रकाश फैला सकते हैं।
जैसे एक अज्ञानी व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त हो जाए तो उसके जीवन से अज्ञान का अंधकार समाप्त हो जाता है। ऐसे ही नेटवर्क मार्केटिंग की दुनिया में जीवन में ज्ञान की बातें कर एक ईमानदार आय का स्रोत बनाया जाता है और राष्ट्र निर्माण – जीवन निर्माण में आपकी अदृश्य भूमिका एक दिन सशक्त दावेदार बनकर उभरती है।
जीवन में एक पल कितना महत्वपूर्ण होता है , यह हमारी ये तस्वीर साफ बयां कर रही है। जब टेक्निकल एचीवर चंद्रकेश जी ने अंधकार में तस्वीर क्लिक की तो जिंदगी के इतिहास में अंधकार मे प्रकाश फैलाने का इतिहास बन गया। इस तरह भौतिक दुनिया की एक घटना जीवन के अंधकार में ज्ञान के प्रकाश का कारक सिद्ध हो गई। यहाँ कुछ और नहीं करना जो इस दुनिया मे नियमित रूप से हो रहा है सिर्फ उसी काम को एक प्रोफेशनल तरीके मे ढाल देना है फिर अहसास होने लगता है कि हाँ वास्तव मे यहाँ जीवन निर्माण होता है।
पंकज श्रीवास्तव ( M.D. JMVD )
_______________
कृपया कृष्ण धाम ट्रस्ट के सोशल केयर फंड मे साहित्य और जमीनी पत्रकारिता हेतु 100 , 200 , 500 और 1000 ₹ व ऐच्छिक राशि दान कर हमें ऊर्जा प्रदान करें जिससे हम गांव पर चर्चा सहित ईमानदारी से समस्याओं पर प्रकाश डालकर समाधान करने मे सहायक हों ….
{ Saurabh Chandra Dwivedi
Google pay ( mob. ) – 8948785050
Union bank A/c – 592902010006061
Ifsc – UBIN0559296
MICR – 559026296
Karwi Chitrakoot }