रामघाट मंदाकिनी तट पर “एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर हुआ मंथन

चित्रकूट (प्रतिनिधि) – ऐतिहासिक नगरी चित्रकूट के रामघाट मंदाकिनी तट पर “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषयक एक महत्वपूर्ण विचार मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भारतीय जनता युवा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुनील साहू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि संयोजन और संचालन की जिम्मेदारी प्रमेन्द्र प्रताप सिंह ने निभाई।
इस अवसर पर मंच पर पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्र, पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे, हरिओम करवरिया, आनंद पटेल जैसे अनेक गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में “एक राष्ट्र, एक चुनाव” को राष्ट्रीय आवश्यकता बताते हुए इसे समय, संसाधन और धन की बचत से जोड़कर देखा गया। अर्थशास्त्र के दृष्टिकोण से वक्ता सौरभ द्विवेदी ने चुनावी खर्चों में कटौती और इससे संभावित राजस्व वृद्धि को समझाया। उन्होंने यह भी कहा कि लगातार चुनावों से न सिर्फ शासन प्रभावित होता है, बल्कि ग्रामीण और राज्य स्तर की नीतियाँ भी स्थिर नहीं हो पातीं।

डा. आलोक कुमार पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में बताया कि इस प्रणाली से देश को राजनीतिक स्थिरता, प्रशासनिक दक्षता और विकास की रफ्तार में तेजी मिलेगी।
मुख्य अतिथि सुनील साहू ने कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की संकल्पना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदृष्टि का परिणाम है, जिसे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूर्त रूप देने को प्रतिबद्ध हैं।
अनुज हनुमत ने भी विषय पर युवाओं के दृष्टिकोण को रखते हुए इसे लोकतंत्र की मजबूती के लिए अनिवार्य बताया।
स्थानीय प्रभाव से वैश्विक विमर्श की ओर
चित्रकूट में यह मंथन न केवल स्थानीय या प्रादेशिक महत्व का रहा, बल्कि यह संकेत भी देता है कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” अब एक वैश्विक लोकतांत्रिक प्रयोग के रूप में भारत की राजनीतिक चेतना में स्थापित हो रहा है।
सैकड़ों की संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि आम जनमानस भी इस विचार को लेकर सजग और उत्सुक है। कार्यक्रम का आयोजन सफल और अनुकरणीय रहा, जिसने राष्ट्रीय बहस को जमीनी स्तर तक पहुँचाने का कार्य किया।