पहले मत्तगजेन्द्रनाथ की परमीशन फिर कामतानाथ की परिक्रमा , महत्व जानिए यहाँ

आसमान के रिश्ते जब जमीन पर आकर मिलते हैं , उसे ही कहते हैं फेसबुक के बने आभासी रिश्ते हमारी अपनी वास्तविक दुनिया मे आकर मिलने लगते हैं। दर्शन और मिलन जब जिसको जहाँ जैसे लिखा है होना ही है। चित्रकूट आए आर एस त्रिपाठी सर ने कहा अनेक बार चित्रकूट आया परंतु मत्तगजेन्द्रनाथ के दर्शन आज ही हुए !

इससे पहले क्यों नही ? त्रिपाठी सर ने कहा जैसे इस बार मैं इसलिए ही आया था। परमात्मा की योजना मे निमित्त बनी तुलसी जन्म भूमि राजापुर की हमारी विदुषी अग्रजा विनीति पाण्डेय जिन्होंने कहा पहले मत्तगजेन्द्रनाथ से परमीशन ली जाती है तब परिक्रमा लगाना चाहिए , हमे भी याद आया कि हाँ राजा राम से तपस्वी राम होने वाले श्रीराम ने चित्रकूट के राजा मत्तगजेन्द्रनाथ से परमीशन ली और तब यहाँ प्रवास किए।

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तपस्वी राम का दर्शन राजा राम से महान जीवन दर्शन है। जिन्होंने राक्षसों का वध किया और संत समाज की रक्षा की तो गरीब आदिवासियों की सेवा की और प्रकृति संरक्षण का बड़ा संदेश दिया। इसलिए तपस्वी राम की धर्म स्थली चित्रकूट वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी पहचान हासिल करने योग्य है।

जितनी राम की महिमा है उससे ज्यादा चित्रकूट की महिमा है। इसलिए चित्रकूट आकर मत्तगजेन्द्रनाथ के दर्शन कर उनसे परमीशन लेकर कामतानाथ के परिक्रमा करें फिर चित्रकूट मे तपस्वी राम के जीवन दर्शन को महसूस करें , जो वास्तविक लोकतंत्र है। तपस्वी राम का लोकतंत्र कलयुग मे प्रभावी हो सकता है और इसलिए चित्रकूट धार्मिक – आध्यात्मिक राजधानी है।

चित्रकूट आ रहे दर्शनार्थी यहाँ की रज़ मे तपस्वी राम के पग – पग को महसूस कर सकते हैं। और त्रिपाठी सर जैसे तत्व को महसूस करने वाले भक्त / दर्शनार्थी तो तपस्वी राम के जीवन चरित्र से समाज हित से राष्ट्र हित को साधने वाले हैं।

आपके चित्रकूट आगमन पर बहुत खुशी हुई। आशान्वित हैं कि आप पुनः मत्तगजेन्द्रनाथ के दर्शन करने कामतानाथ की परिक्रमा करने और संत समाज का आशीर्वाद लेने चित्रकूट पुनः आएंगे।

इस दौरान आपको सुन्दरकाण्ड हनुमान जी कृपा से भेट की , विश्वास है कि सुन्दरकाण्ड का आप पाठ करेंगे और जनकल्याण के लिए प्रार्थना करेंगे , अगले वर्ष श्रीराम मंदिर का शुभ मुहूर्त भी है तो इस समय उनके भक्त हनुमान जी महराज अत्यधिक प्रसन्न अवस्था मे हैं। भारत की जान भारत की आत्मा श्रीराम / श्रीकृष्ण हैं जिनसे भारत की वैश्विक पहचान है।

चित्रकूट का यह रहस्य तपस्वी राम के समय से महत्वपूर्ण है तभी कामतानाथ भगवान भक्तों की कामना पूर्ण करते हैं।