सरकार द्वारा घोषित पवित्र क्षेत्र चित्रकूट मे किसकी है सबसे बड़ी साजिश जो खुल गई सरकारी शराब की दुकान

बड़ा सवाल है आबकारी विभाग से अगर गलती नही हुई तो दुकान के बोर्ड क्यों हटवाए और दुकान के सामने पर्दे क्यों लगवाए ?

चित्रकूट : जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे इस धुन पर बनी योगी सरकार मे पवित्र क्षेत्र चित्रकूट मे सरकारी शराब की दुकान खोलकर सरकार के एजेंडे के खिलाफ कोई तो साजिश रच रहा है।

किसी की इतनी हिम्मत तो हुई है कि भाजपा के सबसे बड़े धार्मिक एजेंडे पर सुराख कर दिया जाए , यही तो किया है चित्रकूट जनपद के आबकारी विभाग ने जो पवित्र क्षेत्र के सरकारी आदेश की अवहेलना कर विपक्ष को मुद्दा लपकने के लिए सेमरिया जगन्नाथवासी गांव के नाम पर गुप्त गोदावरी मार्ग मे देशी , अंग्रेजी और बियर की सरकारी दुकान खोल दी है।

लोकसभा चुनाव की रणभेरी बच चुकी है तो यह बड़ा मुद्दा भी बन सकता है। भविष्य मे भाजपा के बड़े नेताओं के सामने यह सवाल आ खड़ा होगा कि ऐसा कुकर्म कैसे हुआ चित्रकूट मे ? पवित्र क्षेत्र घोषित ही क्यों किया था ?

जबकि मध्यप्रदेश के मझगवां एसडीएम ने जुलाई 2022 मे ही उत्तर प्रदेश चित्रकूट डीएम को पत्र लिखकर कहा था कि मध्यप्रदेश शासन एवं उत्तर प्रदेश शासन संयुक्त रूप से इस क्षेत्र को पवित्र क्षेत्र घोषित किए है तो यह सरकारी शराब की दुकान पर तत्काल संज्ञान लें अगर त्रुटि वश ऐसा हुआ है तो इस पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।

तब देशी शराब की दुकान बस आवंटित हुई थी लेकिन अब अंग्रेजी और बियर की दुकान भी आवंटित कर दी गई तो मझगवां एसडीएम के पत्र का संज्ञान क्या लिया गया , ये श्रीराम ही जानेंगे।

कुलमिलाकर इसमे बड़ी साजिश की बू आ रही है कि भाजपाइयों को जवाब देते नही बनेगा या फिर सरकारी स्वीकृत प्राप्त शराब की दुकान वालों का बोलबाला इतना ज्यादा है कि वह श्रीराम की मर्यादा को भंग कर सकते हैं इसलिए खुली चित्रकूट पवित्र क्षेत्र में सरकारी शराब की दुकान !

इस संबंध मे कामतानाथ प्रथम प्रदक्षिणा द्वार के महंत मदनगोपाल दास जी महाराज ने कड़ी नाराजगी भी जतायी थी। संत समाज ने पहले भी इस संबंध मे प्रशासन को चेताया था कि जो पवित्र क्षेत्र घोषित है वहां शराब , अंडा आदि मादक पदार्थ की वैध – अवैध बिक्री दोनो पर रोक लगाई जाए।

बड़ा सवाल है आबकारी विभाग से अगर गलती नही हुई तो दुकान के बोर्ड क्यों हटवाए और दुकान के सामने पर्दे क्यों लगवाए ?