नेह निमंत्रण दिया तुम्हे नजदीक आने के लिए.
By :- Saurabh Dwivedi
अनेक बार
नेह निमंत्रण दिया
तुम्हे नजदीक आने
के लिए
तुम आए ही नहीं
बताओ गलती
कब कहाँ है
हमारी ?
हृदय के स्पंदन से
पुकार उठी
हर बार
तुम्हारे लिए
तुमने सुना नहीं
बताओ गलती
कहाँ है हमारी ?
हमने जी लिए
कुछ पल स्पंदन के
मधुर पल
तुम्हारे लिए
बताओ गलती
कहाँ है हमारी ?
तुम आ नहीं सके
नेह निमंत्रण के बावजूद
गलती नहीं हमारी !
प्रेम की भाषा में
खामोशी से
हृदय – स्पंदन के
शब्दों से
महसूस करना
नेह निमंत्रण
अंतर्मन से अंतर्मन में
जिया जाना होता है।
तुम्हारा ” सखा “