जिलाध्यक्ष का स्वागत समारोह या लोकसभा की धार हो रही तेज
चित्रकूट : मौसम बदला बदला है। राजनीति मे मौसम ऐसे ही बदलता है। भाजपा ने वक्त को देखते हुए ऐसे चेहरे को जिलाध्यक्ष बनाया है कि माहौल गर्मागरम हो रहा है जिससे लोकसभा चुनाव की धुंध लगभग साफ हो रही है।
कुहरा जो छा रहा था वो लवकुश के सूर्योदय से छंट रहा है। ऐसा इसलिए कि कार्यकर्ताओं के फूल माला पहनकर पहनाकर भाजपा के नेता लोकसभा चुनाव के संकेत देने लगे हैं।
जहां लवकुश चतुर्वेदी के दस बारह वर्ष पूर्व के कार्यकाल की यादें दोहराई जाती हैं कि कैसे संघर्ष किया। जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव ने कहा ” पहले संघर्ष के जिलाध्यक्ष थे अब सरकार के जिलाध्यक्ष हैं। ” इस वाक्य से बूथ के कार्यकर्ता को संदेश दिया गया कि जो संघर्ष करेगा वो एक दिन सरकार मे निश्चित होगा।
श्री जाटव यहीं नही रूके दिल हारकर बोल उठे कि देखो हमारे जो सांसद हैं वही सांसद रहेंगे ऐसी सबकी इच्छा है ; इस पर सामने बैठे कार्यकर्ताओं ने ताली बजाई और जिंदाबाद के नारे लगा दिए तो वहीं मंचासीन पदाधिकारी नेता भी हर्ष से मुस्कुराते नजर आए।
असल मे एक बात यह भी है कि भाजपा लड़ाएगी भी तो किसे लड़ाएगी ? जनता के बीच मनुहार करने वाला लोकप्रिय नेता भी तो चाहिए , हालांकि प्रयास कुछ लोग कर रहे हैं जो बांदा संसदीय क्षेत्र मे संपर्क भी कर रहे हैं। किन्तु किन्तु राजनीति मे पुराने और नए का बहुत बड़ा असर पड़ता है। इसलिए दिलचस्प होगा अब एक एक दिन चूंकि चुनाव शुरू हो चुका है।
सांसद आरके सिंह पटेल ने राष्ट्र निर्माण की ही बात की , उन्होंने कार्यकर्ताओं को याद दिला दी कि एक वोट कितना महत्वपूर्ण होता है कि अटल बिहारी बाजपेई जैसे महापुरूष की सरकार गिरा दी गई सिर्फ एक वोट से और उन्होंने जो कहा था कि हम फिर आएंगे हम बार-बार आएंगे तो मोदी जी के इस युग मे उनकी ही वाणी का चमत्कार है कि हम बार-बार आएंगे हम फिर आएगें।
उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत कोई बात नही है। मैं एमपी रहूं ना रहूं लेकिन ये राष्ट्र रहना चाहिए। हमारे सपनों का भारत होना चाहिए। इसलिए राष्ट्र निर्माण के लिए मोदी सरकार को पुनः लाना है और कमल का फूल खिलाएंगे तो ऐसा होगा , पार्टी का जो निर्णय होगा सबको मंजूर होगा।।
यह कार्यक्रम ब्लाक परिसर पहाड़ी मे संपन्न हुआ है। इसलिए भाजपा जिलाध्यक्ष को अपनी कर्मभूमि की याद आ गई। वह भाव विभोर हो गए और उन दिनों को याद किया जब यहां दादू गुंडो की वजह से बस्ता लगाना भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल जैसी चुनौती होती थी।
उस दौर के जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी के पुनः जिलाध्यक्ष बनने से राजनीति के सारे पैतरे पलट चुके हैं। पालिटिक्स सेट हो चुकी है और शीर्ष नेतृत्व के संकेत आने लगे हैं तो 2024 की तैयारी का बिगुल बज चुका है। दिलचस्प होगी टिकट की जंग और विपक्ष का चुनावी कार्ड फिलहाल भाजपा आश्वस्त होकर जनसंपर्क अभियान और बस्ती संपर्क अभियान शुरू कर चुकी है।
( सोशल काकटेल के लेखक सौरभ द्विवेदी की कलम से )