राम की चिरइया राम का खेत खाओ चिरइया भर भर पेट , अद्भुत दार्शनिकता की बात अपने भाषण मे कह गए बांदा सांसद आरके सिंह पटेल
चित्रकूट : परंपरागत कृषि विकास जैविक खेती कार्यक्रम का आयोजन कृषि विभाग के आयोजन मे रामायण मेला परिसर मे संपन्न हुआ , जिसमे सर्विस प्रोवाइडर मासूम फाउंडेशन रहा। कार्यक्रम मे उपस्थित किसानों को सांसद बांदा आरके पटेल ने संबोधित किया।
उन्होंने जैविक खेती एवं मोटे अनाज पर विस्तार से भाषण दिया। सांसद बांदा ने कहा कि मोटा अनाज जिसका नाम अब श्री अन्न कर दिया गया है। वह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है , जिसे वैद्य भी बताया करते थे कि यदि किसी व्यक्ति ने बीमारी की वजह से भोजन छोड़ रखा हो तो शुरूआत मूंग की दाल व सांवा का चावल से कराना चाहिए। इसी तरह ज्वार जिसे गाँव की भाषा मे जोढ़री कहा जाता है और बेर्रा व बजरा खाने की उपयोगिता का वर्णन किया तो बताया कि मैं आज भी मोटा अनाज अपने खेत मे उगाता हूँ।
यही कहते हुए सांसद बांदा को होने वाला नुकसान याद आया कि अब मेरे ही खेत बस मे मोटा अनाज उगाया जाता है तो एक पट्टू आता है जिसे साहित्यिक भाषा मे तोता कहा जाता है वो भुट्टा / बाली तोड़कर महुआ के पेड़ तक ले जाता है और कुछ तो खेत से पेड़ तक के रास्ते मे गिर जाता है। लेकिन फिर भी मुझे पर्याप्त मोटा अनाज खेत से मिल जाता है , आगे कहते हैं अगर सभी लोग मोटा अनाज उगाएंगे तो सबका कम नुकसान होगा।
यह कहते हुए मानवता की पहचान कराने वाली एक कहावत कही जिसे सुनकर सभी आगंतुक किसान गदगद हो गए और माहौल रोचक हो गया। इस कहावत से किसान सभ्यता की मानवता का दर्शन मिलता है कि मानव शरीर मिला है तो सिर्फ अपना पेट भरने के लिए नही बल्कि पशु , पक्षी और तमाम जीव जंतु का पेट भरने के लिए यह मानव शरीर मिला है।
सचमुच सांसद बांदा चित्रकूट की इस भाषण शैली से किसान हों , अधिकारी हों या युवा हों सभी सीधे कनेक्ट होते हैं और भाषण देते देते वह मानव जीवन दर्शन का फलसफ़ा स्पष्ट कर देते हैं , एक जन नेता की यही खूबी होती है कि वह समय को उबाऊ नही होने देता बल्कि किसान और जमीनी हकीकत से जुड़ी बात करता है तो सभी को प्रोत्साहन मिलता है।
कार्यक्रम मे जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव , जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे और महामंत्री आलोक कुमार पाण्डेय उपस्थित रहे तथा सभी बांदा सांसद का दिलचस्प भाषण उनकी ओर गर्दन कर सुनते नजर आए। बाद मे उपस्थित सीडीओ अमृतपाल कौर मंच पर ही बांदा सांसद से यह कहावत पुनः सुनती दिखाई दीं जब सांसद ने पुनः कहा ” राम की चिरइया राम का खेत अउ खाओ चिरइया भर भर पेट “।
हिन्दुत्व और सनातन धर्म की एक एक पारंपरिक कहावत ऐसी है कि मनुष्य को जीवन जीने का मार्गदर्शन कर देती है , कितनी अद्भुत दार्शनिकता की बात सांसद बांदा अपने भाषण मे कह गए जिससे वह चर्चा केन्द्र मे छा गए।
इसके बाद सांसद बांदा सहित उपस्थित नेता व अफसर किसानों को कृषि विभाग की ओर से ट्रैक्टर , सोलर पंप और थ्रेसर आदि उपकरण वितरित किए।
इससे पूर्व भजन संध्या स्थल सीतापुर चित्रकूट मे सांसद बांदा ने सरकारी कार्यक्रम के तहत योगी सरकार के 6 वर्ष पूर्ण होने पर विकास की उपलब्धियाँ गिनाईं। चित्रकूट और बांदा की जनता को प्रणाम करते हुए उन्होंने अपनी बात समाप्त की।