अनिद्रा के हैं शिकार तो डाक्टर से मिलें.

एक बार अकबर ने बीरबल से पूछा कि इस दुनिया में सबसे प्यारी चीज क्या है? बीरबल ने जवाब दिया- नींद।

जीने के लिए खाना जितना जरूरी है उतनी ही नींद भी। इंसान 12-15 दिन तक बिना खाये रह सकता है लेकिन बिना सोए छ: दिन से ज्यादा नहीं रह सकता। तो ऐसे में नींद की जरूरत को समझा जा सकता है।
आज अधिक से अधिक शारीरिक औऱ मानसिक मेहनत कर लेने के बावजूद #अनिद्रा की समस्या के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसा क्‍यों हो रहा है और कैसे चैन की नींद लें!

इनसोमनिया डिसऑर्डर

इंसान में कई तरह के स्लीपिंग डिसऑर्डर पाए जाते हैं। उनमें इनसोमनिया डिसऑर्डर सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी है। इस बीमारी में मरीज रात को बिस्तर में लेटने के बाद भी जगे रहता है। पूरी कोशिश के बाद भी मरीज को नींद नहीं आती और वह बिस्तर पर लेटकर करवटें बदलता रहता है।

18 से 40 वर्ष तक के आयु वाले हर इंसान को 6-7 घंटे की नींद ज़रूरी होती है। लेकिन आज देर रात तक जागकर काम करने को लोगों ने क्रिएटिविटी का नाम दिया है। रात तक जागकर काम करने से एक समय के बाद अनिद्रा की शिकायत होना आम समस्या बन जाती है। ऐसे में एक समय के बाद रात को नींद नहीं आती।

अगर आपको भी ऐसी समस्या है तो आप “4-7-8” ब्रीदिंग ट्रिक आजमाएं ।

ये ट्रिक है क्या?

ये हमारे अनुलोम विलोम प्राणायाम की तरह ही समझ सकते हैं। इसे और स्पेसिफाई किया हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्कॉलर डॉ एंड्रयू वेल ने की, जिन्होंने मेडिटेशन, ब्रीदिंग और तनाव मुक्त करने पर स्टडी की। यह ट्रिक करने में काफी आसान है और इसे करने में मुश्किल से एक मिनट से भी कम समय लगता है।
नाक से चार सकेंड तक के लिए सांस लें, सात सकेंड तक इसे रोक कर रखें, और आठ सकेंड तक इसे छोड़ते रहें। इससे हार्टबीट स्लो होती है और ब्रेन में एक केमिकल का स्राव होता है जिससे हमें आराम मिलता है।

जब हम तनाव में होते हैं तो एंडोक्राइन सिस्टम एड्रेनल ग्लैंड से एड्रेनालाइन रिलीज़ करता है। इससे हार्टबीट बढ़ती है और शरीर में तनाव पैदा होता है। इस ब्रीदिंग ट्रिक के जरिये जो केमीकल रिलीज होता है वो एड्रेनालाइन का काउंटरएक्ट होता है जो हार्टबीट को धीमा करता है। शुरुआत में ये ट्रिक थोड़ी अनकम्फर्टेबल लग सकती है। लेकिन लगातार उपयोग से आपके शरीर और दिमाग दोनों को आराम मिलता है।

इस तकनीक को आजमाने के बाद भी अगर आपकी समस्‍या का समाधान नहीं हो रहा है तो आपके लिए डॉक्टर से मिलकर सलाह लेने का समय है।

Dr Abhilasha PDwivedi