साधारण युवा से यूथ आइकॉन तक सफ़र .
By :- Saurabh Dwivedi
सोशल मीडिया पर एक साधारण से युवा से आभासी मुलाकात हुई थी। आभासी संसार की मुलाकात वास्तविक संसार मे भी साधारण अस्तित्व से शुरू हुई। यह दौर भी युवाओं का राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य मे परिवर्तन को लेकर था। जब देश का युवा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहता था। उस वक्त नरेन्द्र मोदी आर्मी संगठन मे अनुज सक्रिय रहे , हालाँकि फ्लैश बैक मे जाएं तो एबीवीपी से भी इनका गहरा रिश्ता रहा और फिर समय चक्र में परिवर्तन के साथ जनपद चित्रकूट की पत्रकारिता मे इनकी भूमिका का विस्तार होना शुरू हुआ।
पत्रकारिता के इस सफ़र से ही अनुज की एक अलग पहचान बनी। इन्होंने गृहनगर मानिकपुर से पाठा को केन्द्र मे रखकर भी विकास हेतु आवाज बुलंद की और शैल चित्र के माध्यम से इतिहास पर भी अपनी गहरी रूचि का प्रदर्शन प्रदान किया।
एक मुख्य बात यह कि अफसरों के साथ मिलकर काम करने का इनका तरीका और रिश्तों को लेकर भी खूब चर्चा रही। यह भी इनका व्यक्तिगत दायरा है कि स्वयं का विमर्श इस संदर्भ मे कब और कैसा करते हैं ? चूंकि पत्रकार और अफसर के ऐसे रिश्तों से चर्चा का बाजार सेंसेक्स की तरह उतार – चढ़ाव मे रहता है। व्यक्तिगत रूप से मैं इसे इनकी कार्यशैली से जोड़कर देखता हूँ परंतु समय और समाज की विवेचना भी मायने रखती है।
जनपद चित्रकूट से लगभग बाइस युवा उम्र के युवक – युवतियां यूथ आईकान महोत्सव मे सम्मिलित हुए , जिनमे अनुज हनुमत की चर्चा पत्रकारिता जगत से छाई रही।
जिला प्रशासन ने पत्रकारिता के क्षेत्र से अनुज हनुमत को यूथ आइकॉन के रूप मे चुना , हालाँकि इस चुनाव मे इनके सामाजिक – इतिहासिक कार्यों का बड़ा योगदान माना जाएगा। चूंकि सामाजिक कार्यों के आधार पर ही आइकॉन का निर्णय लिया जाता है। इसलिये जिम्मेदार अधिकारियों ने पत्रकारिता से इतर यह दृष्टिकोण अपनाया होगा , अन्यथा संभवतः पत्रकारिता सिर्फ एक आवाज होती है। जोकि आइकाॅन हेतु यूथ आइकाॅन फेस्टिवल में मान्य नहीं होती है , जैसा कि यूथ आइकाॅन के निर्णय पर जानकारी मिली है कि साहित्य सहित तमाम वह क्षेत्र से हो सकते हैं , जिनसे बड़ा सामाजिक परिवर्तन होता है।
बतौर पत्रकार की जिम्मेदारी हो जाती है। यह पेशा भी है और पेशेवर कार्यों का पुरस्कार व सम्मान सामान्य परिधि में संस्थागत आधार पर मिलता है। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर पत्रकारों को सम्मानित किए जाने के समूह व संस्था कार्यरत हैं। जैसे कि एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार को रेमन मैग्ससे मिला और पूर्व में जिला संवाददाता दैनिक जागरण के शिवा अवस्थी को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।
जनपद स्तर पर युवा स्वरूप मे पाठा निवासी अनुज हनुमत का सम्मानित होना , यहाँ के युवाओं के लिए प्रेरणा का विषय है। किन्तु आवश्यक नहीं कि कार्य पत्रकारिता ही हो बल्कि युवा अलग – अलग क्षेत्रों मे सामाजिक भागेदारी निभा कर उत्तम कार्य कर सकते हैं।
सर्वोपरि सोच है कि युवाओं को कोई भी सामाजिक कार्य किसी भी प्रकार के सम्मान व पुरस्कार पाने के दृष्टिकोण से नहीं करना चाहिए। अपितु सम्मान व पुरस्कार दिया जाए तो सहजता से स्वीकार करना भी आत्मीय कर्तव्य है। यही स्वीकार्यता अनुज के मन से हुई होगी !
अनुज हनुमत से काम करने की प्रेरणा लेना आवश्यक है कि अपार ऊर्जा लगाकर वह काम करते हैं। ये थकते नहीं बल्कि कर्तव्य पथ पथिक की भांति चलते रहते हैं। जो भी इनको समीप से जानते हैं , वे इनके इस गुण से वाकिफ होंगे कि ना मई – जून की लू देखते और ना ही दिसंबर की माइनस डिग्री वाली ठंड का असर पड़ता है। यह इनका गुणतत्व है।
अनुज के साथ एक विशेष बात यह भी है कि इनके परिवार का समर्थन सहयोग जबरदस्त है। समाज को अनुज के परिवार से सीख लेने की जरूरत है कि बेटे – भाई का सहयोग कर प्रोत्साहन प्रदान कर उन्नति के क्षेत्र मे कैसे प्रतिष्ठित करें और उस समय तक धैर्य बनाए रखने की सीख महत्वपूर्ण है।
मैंने महसूस किया कि इनको परिवार से बड़ा सहयोग व समर्थन मिला। इन्होंने राजनीति से शुरूआत कर पत्रकारिता के क्षेत्र मे बतौर युवा एक कीर्तिमान स्थापित किया। एक जनपद से प्रशासन द्वारा चुनकर यूथ आइकाॅन होना भी बड़ी बात मानी जाएगी। किन्तु सफर यहीं थमना नहीं चाहिए , जब ऐसी ऊर्जा मिल जाए तो आशाएं जन्म लेती हैं। भविष्य मे इससे बड़ा अस्तित्व कायम कर गृहनगर , समाज और देश के लिए उम्दा कार्य कर सकें।
कहते हैं कि कुछ भी आखिरी नहीं होना चाहिए , जैसे कि नदी अविरल धारा से समुद्र मे लीन होकर अनंत मे विलीन होती है , वैसे ही मानव जीवन है जो अनंत मे विलीन होने से पूर्व अनंत कार्य कर समाज और देश को बहुत कुछ प्रदान कर जाए। आशान्वित हूँ कि अनुज हनुमत यहाँ से इतर उम्दा कार्य कर अनवरत काल तक युवाओं के यूथ आईकान बने रहेंगे और चुनने वाले प्रशासन को भी गौरान्वित करेंगे।
एक पत्रकार के रूप में समाज सुधार व प्रशासन मे फैले भ्रष्टाचार मे सुधार हेतु धारदार कलम चलाकर हनुमत स्वरूप को अवश्य साकार करें। चूंकि यह जनपद प्रशासनिक विभागों के भ्रष्टतंत्र से महाभारत के पितामह की तरह घायल पड़ा है तो ऐसे यूथ आइकाॅन जर्नलिस्ट युवा से उम्मीदें अधिक बंधती हैं।