गांव पर चर्चा का हो रहा असर , गड्ढा मुक्त हुई सड़क .

@Saurabh Dwivedi

( गांव पर चर्चा नोनार चित्रकूट )

गांव जो देश की आत्मा है। भारत जैसे विशाल देश में गांव मुख्य भूमिका मे होना चाहिए। गांव के विकास से भारत का विकास है। उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े और अकांक्षी जनपद चित्रकूट के ब्लाक पहाड़ी के ग्राम नोनार से गांव पर चर्चा की शुरूआत हुई। जिसका असर अफसरों के मन – मस्तिष्क में नजर आने लगा है , वैसे आज भी गांव मूलभूत सुविधाओं से अछूता है व स्वच्छता – स्वस्थता के पैमाने पर ना के बराबर कुछ नजर आता है। गांव पर चर्चा से पंचायत चुनाव में मतदाताओं को जागरूक कर बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है।

हमने जब ग्राम नोनार में गांव पर चर्चा के उद्देश्य से प्रवेश किया तब गांव की मुख्य सड़क बदहाल नजर आई , सड़क पर जख्म ही जख्म थे। गड्ढों से निकलना मजबूरी थी और इन गड्ढों से निकलने वाली टू व्हीलर की बुरी दशा हो जाती है। एक गरीब – मध्यमवर्गीय परिवार एनकेन प्रकारेण टू व्हीलर लेता है पर गड्ढा युक्त सड़क पर गुजरने से चेसिस के टूटने से लेकर बाइक के तमाम स्क्रू भी ढीले हो जाते हैं बदले मे आए दिन परिवार का बजट ढीला हो जाता है।

पैचिंग वर्क

गांव पर चर्चा गरीब बस्ती मे आयोजित की गई। वहीं से उत्तर प्रदेश सरकार के गड्ढा मुक्त अभियान की याद अफसरों को दिलाई गई। उसका असर यह हुआ कि गांव नोनार की सड़क पर पैच मार दिए गए। अब इतनी सी राहत आम जन को मिली है कि कम से कम गड्ढों से गाड़ी के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे।

हमने गांव नोनार से आगे बढ़ते हुए बक्टा बुजुर्ग और दरसेडा गांव मे भी गांव पर चर्चा के माध्यम से गांव की समस्याओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया। चर्चा के केन्द्र मे गांव को मुख्य भूमिका लेकर आए , अब इससे आगे बढ़ते हुए प्रथम चरण में पानी की समस्या से जूझ रहे गांव पथरा मानी की ओर रूख किया जाएगा।

जैसे-जैसे सामर्थ्यवान होंगे वैसे – वैसे यह चर्चा अधिक से अधिक गांव तक पहुंचेगी। प्रत्येक गांव में दो से तीन चरण पर चर्चा आयोजित कर गांव की जनता को गांव के विकास व सुख – समृद्धि के विचार से ओतप्रोत कराकर एक बड़ा परिवर्तन करने की इच्छा है।

गांव पर चर्चा को जनपद की प्रिंट मीडिया और सक्रिय सामाजिक – राजनीतिक लोगों का समर्थन भी मिल रहा है। उद्देश्य है कि गांव के नेतृत्व को राष्ट्रीय – प्रादेशिक नेतृत्व के विचार से समागम कराया जाए। गांव से संवेदनशील नेतृत्वकर्ता निकलकर देश – प्रदेश की राजनीति में अच्छी भूमिका निभाएं।

गांव का मतदाता अपने देश और समाज की बेहतरी के लिए मतदान का प्रयोग करे व समर्पित नेतृत्वकर्ता चुनना सीख सके , चूंकि एक व्यक्तित्व का बहुत बड़ा असर ना सिर्फ गांव पर पड़ता है अपितु इसके दूरगामी असर समूचे राष्ट्र के लिए भी प्रभावी होता है।

वक्त अभी भी है कि गांव की आवाज बुलंद हो। गांव पर चर्चा के माध्यम से जन जागरण कर संस्कृति , प्रेम , सभ्यता और नेतृत्व की वास्तविक पटकथा तैयार की जाए। चूंकि गांव जब बदलेगा तब देश – प्रदेश बदलेगा। एक घटिया राजनीति से निजात पाने के लिए गांव का मतदाता मत का सही प्रयोग कर गांव के प्रेम व राष्ट्र भक्ति को वास्तव मे निभा सकता है।

एडवर्टाइजिंग

हम बड़ी तेजी के साथ गांव पर चर्चा के विमर्श को आगे बढ़ाकर प्रत्येक गांव के विकास का मानचित्र बना लेना चाहते हैं। प्रत्येक गांव की विशेषता को प्रकाशित कर सकते हैं , गांव धार्मिक – सांस्कृतिक महत्व भी पता चलेगा। खेती – किसानी के लिए प्रत्येक गांव की मिट्टी का वर्णन भी किया जा सकता है , वह कौन – कौन सी फसल हो सकती हैं जिनको उगाने से किसान की समृद्धि का द्वार खुलेगा और कौन सी फसल उगाना लाभदायक नहीं , यह भी किसानों को पता होना चाहिए।

एक स्वच्छ गांव मासूम बच्चों के स्वास्थ्य की गारंटी है। इसलिए महिलाओं को व गांव के बुजुर्गों को सफाई कर्मी व ग्राम पंचायत के बजट से साफ – सफाई के लिए आवाज उठानी होगी। जब आवाज बुलंद होती है तो गांव की जनता द्वारा ही गांव का चहुंमुखी विकास तय होने लगता है। जैसे कि दस – पंद्रह वर्ष में पहली बार गांव की सड़क का महत्व देखते हुए सड़क गड्ढा मुक्त की गई , ऐसे ही बहुत कुछ अभी गांव मे करना शेष है जो सभी के सहयोग से संभव होगा।
______________

कृपया कृष्ण धाम ट्रस्ट के सोशल केयर फंड मे साहित्य और गंभीर पत्रकारिता हेतु 100 , 200 , 500 और 1000 ₹ व ऐच्छिक राशि दान कर हमें ऊर्जा प्रदान करें जिससे हम गांव पर चर्चा सहित ईमानदारी से समस्याओं पर प्रकाश डालकर समाधान करने मे सहायक हों.
{ Saurabh Chandra Dwivedi
Google pay ( mob. ) – 8948785050
Union bank A/c – 592902010006061
Ifsc – UBIN0559296
MICR – 559026296
Karwi Chitrakoot }