निर्वाचन के बाद भी हाथ जोड़ने वाला नेता .

By : Saurabh Dwivedi

निर्वाचन के पहले और निर्वाचन के बाद जनता की जुबां पर नेता की कथनी व करनी को लेकर हमेशा चर्चा रही है। कोरोना संक्रमण के दौरान नेता की कथनी और करनी का भी साफ अंतर नजर आया है। जनता के मन की आंखो ने अपने नेता को पहचाना है। अक्सर इस बात की चर्चा रही कि नेता चुनाव के समय हाथ जोड़कर वोट मांगते हैं , किन्तु चुनाव के बाद जनता नेता के हाथ जोड़ती है। सवाल है कि क्या राजनीति में इस युवा नेता ने सजीव उदाहरण प्रस्तुत किया है ?

हाँ ! तस्वीर में दिखने वाले युवा विधायक आनंद शुक्ला की बात कर रहे हैं। वैसे तो जनपद चित्रकूट की राजनीति में इनके संघर्ष की गाथा खूब कही जा चुकी है परंतु व्यक्तित्व की असल पहचान संकट के दौरान होती है।

हमारे हिन्दू आध्यात्मिक दर्शन में हनुमानजी को संकट के दौरान सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। यह चौपाई हर जुबां पर आती है , जब कभी संकट होता है तो लोग जपने लगते हैं कि ” संकट कटय मिटय सब पीरा , जो सुमिरय हनुमत बलबीरा ! “

जामवंत की तरह याद दिलाना चाहेंगे कि हनुमानजी भक्त हनुमान थे , सेवक हनुमान थे। इस सेवक को भगवान श्रीराम ने कलयुग मे जनता के कष्ट दूर करने के लिए अजर – अमर होने का वरदान प्रदान किया था।  इसी मान्यता की वजह से हर कोई भूत – प्रेत ( अर्थात बुरी शक्तियां ) और संकट से मुक्त होने के लिए हनुमानजी की पूजा करते हैं।

यह सेवा की शक्ति है। इसी सेवा भाव को आनंद शुक्ला ने अपनाया है। उन्होंने चुनाव के समय पांच संकल्प लिए थे , जिनमें से एक संकल्प ” जनसेवा ” का भी था। कोरोना वायरस के भयभीत माहौल में बहुत से परिवारों को रोजी-रोटी की जद्दोजहद करनी पड़ती। यही वो वक्त रहा कि नेता की असल पहचान हो जाए।

युवा नेता आनंद शुक्ला ऊर्जावान हैं उससे भी बड़ी बात सेवा का संकल्प है। उन्होंने जनता के बीच पहुंच कर चुनाव के समय जैसे हाथ जोड़ा और अपनी जनता की सेवा कर पूर्वजों के कर्ज को भी उतारने का प्रयास शुरू रखा है।

वह श्रीराम के भक्त हनुमान की तरह जनता जनार्दन के सामने विधायक चुने जाने के बाद भी हाथ जोड़कर सेवा करते नजर आ रहे हैं। इनकी बड़ी खासियत यह है कि अंतर्मन से अपनों का ख़याल रखना जानते हैं। इन्हें स्वयं अपनों की और अपनी जनता की चिंता रहती है।

सेवा का फल हमेशा अच्छा मिलता है। और जिस प्रकार से जनपद चित्रकूट में बतौर जनप्रतिनिधि आनंद सेवा करते दिख रहे हैं। उससे साफ नजर आ रहा है कि सेवा से जनता के मन में आनंद भर रहे हैं , यह वही आनंद है जिसके लिए जीवन में कल्पना की जाती है कि हमारी जिंदगी आनंद से बीते !

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इस वक्त आनंद इसलिये महत्वपूर्ण है कि दो जून की रोटी के लिए कमाई का लाकडाऊन लग चुका है , लाकडाऊन बीच जिंदगी में समस्याओं का अवसाद आने लगता है। वहीं मऊ – मानिकपुर विधायक आनंद शुक्ला ने जनता के बीच अपने नाम के आनंद को ना सिर्फ चरितार्थ किया अपितु हाथ जोड़कर जनता का अभिनंदन कर सेवा कर रहे हैं।

यही वो अंतर है जो इस नेता को अपने समय की पीढ़ी के बहुत से अन्य नेताओं से अलग साबित करती है। कम समय में स्वयं को साबित करने का उनका बड़ा प्रयास नजर आया है। यह भी सच है कि युवा विधायक के पास स्वयं की सोच और एक अच्छा राजनीतिक दर्शन है , इसलिए ही सेवा की खूबसूरत तस्वीरों से मुलाकात हो रही है और जिंदगी ऊर्जामय हो जाती है। इस वक्त ऐसी ही ऊर्जा की जरूरत है जो खुद की ऊर्जा की खपत कर विधायक जनता को प्रदान कर रहे हैं। 
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