पाकिस्तान में हिन्दुुओ की दुर्दशा

Saurabh Dwivedi
पाकिस्तान में हिन्दुओं की दुर्दशा के संबंध पर भारत को मानवाधिकार के आधार पर वैश्विक जगत पर आवाज उठाने की जरूरत है। पाक में आजादी के समय से बसे हुए हिन्दुओं का प्रतिशत नगण्य हो चुका है। ये या तो जबरन मुसलमान बनाए जा चुके हैं अथवा इनका दमन कियाा जा रहा है। 

कांग्रेस शासन के दौरान हिन्दुओं का एक जत्था भारत आया था। जिन्होंने पाक की बर्बरता को बयां किया था। इसके बाद इनका क्या हुआ ? किसी को कोई विशेष जानकारी नहीं है। इन्हें शरण मिली भी या नहीं ! 

इनकी दास्तान इतनी दर्दनाक है कि पता चला कि मुस्लिमों द्वारा इनकी बेटियों का बलात्कार किया जाता है और जबरन इस्लाम कुबूल करवा शादी की जाती है। 

इनके मानवाधिकार का हनन सरेआम पाक में किया जा रहा है। अचंभित कर जाताा है कि विश्व भर का मानवाधिकार की आत्मा इनके लिए जाग्रत क्यों नहीं होती ? विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस संबंध में विशेष जानकारी प्राप्त कर पाकिस्तान की बर्बरता वैश्विक पटल पर रखने ना सिर्फ जरूरत है, बल्कि न्याय दिलाने की सख्त आवश्यकता है। 

पाकिस्तान विश्व का वह राष्ट्र है, जहाँ आतंकवाद फलता फूलता है। साथ ही मानवाधिकार के शोषण में अव्वल दर्जे पर है। अब इस पर केन्द्र सरकार ही कुछ कर सकती है, जिससे पाक का क्रूर चेहरा सामने आ सके और मानवाधिकार के हितों के साथ हिन्दू धर्म का संरक्षण हो सके।