बेअदबी कौन कर रहा है ? कभी कार्टून पर हत्या और ईशनिंदा का बहाना.
@Saurabh Dwivedi
बेअदबी से एक बड़ी प्यारी कहानी याद आई है। संभवतः भोलेनाथ ने कहानी याद दिलाई है कि जरा याद दिला दो दुनिया वालों को कि ईश्वर कितना भोला है। मेरी तो कलम ही रूक गई थी परंतु दुनियाभर मे हो रहे नरसंहार से शायद ईश्वर ने ही कहा कि याद दिलाओ बेअदबी कौन कर रहा है ?
एक अनपढ़ भक्त था। वह चरवाहा था। रोज नदी किनारे जाया करता था। वहाँ भोलेनाथ की एक मूर्ति स्थापित थी। वह रोज जाता और डंडे से भोलेनाथ को चार – छः डंडे मार देता।
उसकी यह आदत बन चुकी थी। ईश्वर के प्रति यही उसकी आस्था थी या अनास्था थी। वह भोलेनाथ के सामने प्रार्थना ना करके सीधे – सीधे डंडो से प्रहार करता।
वह भगवान पर अपना गुस्सा निकालता और घर वापस आ जाता। इस तरह एक लंबा समय गुजरता रहा। ईश्वर और उसका यह रिश्ता बन गया था।
एक दिन उस क्षेत्र मे भयानक वर्षा हुई। नदी मे खूब बाढ़ आ गई थी। हर आदमी अपने घर मे बंद था। सभी बारिश के रूक जाने की प्रार्थना कर रहे थे चूंकि जीवन संकट मे था।
उस चरवाहे को याद आया कि अरे आज मैंने उस मूर्ति मे डंडा मारा ही नहीं। बिना डंडा मारे उसे चैन नही आ रहा था। वह घर से नदी किनारे चल पड़ा।
एनकेन प्रकारेण नदी किनारे पहुंचकर उसने भोलेनाथ की मूर्ति पर चार – छः डंडे का प्रहार किया। इससे भोलेनाथ उस पर प्रसन्न हुए।
भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर चरवाहे को अपना बड़ा भक्त माना। उन्होंने मान लिया कि इतनी बाढ़ मे आकर डंडे का प्रहार किया। अपनी इस आदत को उसने छूटने नहीं दिया , जिससे भोलेनाथ प्रसन्न होकर उसे वरदान दिए। तब से वह चरवाहा बड़ा भक्त हो गया।
सनातन की यह कहानी उन्हें सीख देती है जो परमात्मा से बेअदबी के नाम पर नरसंहार करते हैं। कभी कोई कार्टून बन गया तो आदमी को सरेआम भून दिया। कभी किसी से गलती से बेअदबी हो गई तो उसे जान से मार दिया।
जबकि आत्मा मे परमात्मा का निवास होता है। एक इंसान को मारना आत्मा की हत्या करना है और आत्मा परमात्मा की एक किरण है अर्थात आपने परमात्मा की एक किरण की हत्या कर दी। आपने परमात्मा के नाम पर परमात्मा की ही हत्या कर दी।
कोई भी धर्म और परमात्मा इस प्रकार की हत्या को स्वीकार नहीं करते। यह कुछ लोगों का षड्यंत्र मात्र है। एक कहानी दुनियाभर के नरसंहार पर भारी है फिर भी उम्मीद नहीं की जा सकती कि कुछ बदलेगा भी और नरसंहार करने वाले अपने अपराध की क्षमा मांग सकें।
सारांश यही है कि ईश्वर इंसान की बेअदबी से आघात नही महसूस करते। यह तुम धर्म और देश पर घात करने वालों की करतूत है कि एक इंसान की हत्या करते हो। ईशनिंदा के बहाने इंसानियत का कत्ल ईश्वर कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
बेअदबी कौन कर रहा है ?