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विचार जीवन को बदल देते हैं। ऐसे ही छोटे छोटे विचार जीवन मे वरदान बन जाते हैं तो दिव्या त्रिपाठी के व्हाट्सएप स्टेटस पर देखने पर एक विचार शरीर की हिफाज़त करने का दिखा तो इस संबंध मे छिपे संदेश पर उनसे बात हुई।

उन्होंने कहा कि दीवारों पर लिखा हुआ एक विचार देखा होगा कि हेल्थ इज वेल्थ जिसका मतलब स्वास्थ्य ही धन था और इस ओर पिछले 10 वर्ष से भारत मे अधिक जागरूकता आई है जिसका श्रेय पीएम नरेन्द्र मोदी को जाता है जो ना सिर्फ भारत ही बल्कि विश्व मे योग को एक आंदोलन के रूप मे खड़ा कर दिए हैं।

उन्होंने कहा कि अगर शरीर बिगड गया तो धन भी शरीर की हिफाज़त नही कर पाता इसलिए धन से अधिक से जरूरी शरीर की हिफाज़त है , यही हिदायत देने की कोशिश है मेरी !

उन्होने कहा कि आरोग्य धाम के सचिव अभय महाजन के योजनानुसार तीन दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ। जिसमे पुरूष , महिलाएं और लड़कियों ने हिस्सा लिया जो अपने अपने एरिया मे योग का प्रशिक्षण देने का भी काम करेंगे।

एक स्वस्थ जीवन मे योग उपयोगी है। एक बार फिर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन होगा और तीसरी बार प्रधानमंत्री बन चुके पीएम मोदी इसका फिर से नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत की ग्रामीण जनता हो या अर्बन लोग हों सबको सहज ही स्वीकार करना होगा कि योग के द्वारा जीवन मे क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने का जो जागरूकता का बड़ा काम पिछले दस वर्षों मे हुआ है वह इससे पहले भारत मे नही हुआ था।

कोई भी सरकार सड़क बिजली और पानी देने के साथ घर आदि बनाने से लेकर बहुत से विकास के काम करती है लेकिन मानसिक तनाव खत्म हो इसके लिए भी प्रयास होना चाहिए और मानसिक तनाव को खत्म कर मानसिक विकास मे योग का योगदान है और स्वस्थ शरीर के लिए उपयोगी है।

इसलिए आम जनता को स्वच्छता अभियान मे सहयोग करना चाहिए और योग के इस आंदोलन मे भी सहयोग करने के साथ सरकार के इस विशेष कार्य को सबसे बड़े विकास के रूप मे देखने का भी काम करना चाहिए। इस योग दिवस को और अधिक विशेष कैसे बनाएं इसके लिए प्रत्येक देशवासी को कुछ विशेष करना चाहिए और सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक अपनी बात रखकर जन जागरण अवश्य करें क्योंकि देवता हों या संत सभी जीवन मे योग और साधना को अपनाने का सबसे बड़े उदाहरण हैं।

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