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युवा देश का भविष्य है और ऐसे ही कुछ युवा सामाजिक – धार्मिक कार्यों द्वारा अपना व अपने देश का भविष्य उज्ज्वल करना चाहते हैं। एक शहर के निर्माण मे और गांव के निर्माण मे सिर्फ इमारत और सड़क आदि व्यवस्था ही नही बल्कि जन्म ले चुके युवाओं का संघर्ष और बुजुर्गों का अनुभव काम आता है , ऐसे ही एक युवा रामशरण तिवारी के बारे मे जानिए कि उनके विचार क्या हैं ? उद्देश्य क्या हैं ? हिन्दू हित के लिए काम करने की ललक क्यों है ? और कितना आवश्यक समझते हैं इन कार्यों को जो अपने जीवन की महत्वपूर्ण ऊर्जा को दूसरों के लिए खर्च कर देते हैं।
इन्होंने लव जिहाद जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी काम किया है। जिस मुद्दे से देश के विभिन्न दल इंकार करते हैं उस मुद्दे को विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल का एक कार्यकर्ता हकीकत बताता है जिसकी काली छाया चित्रकूट जनपद मे भी पड़ चुकी है।
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विरासत को बचाए रखने के लिए रामशरण तिवारी बात करते हैं कि मंदिर और मूर्तियों का संरक्षण बहुत आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए काम भी किया है। संत समाज के साथ काम करते हुए धार्मिक लोगों के मन को समझना और आध्यात्मिकता को जीवंत रखने के लिए कभी ना थकते हुए काम कर रहे हैं।
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वर्तमान निवास सीतापुर चित्रकूट मे रहने वाले रामशरण तिवारी के जीवन परिचय और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर कुछ सवाल और उनके जवाब पढ़कर समझिए कि वर्तमान को साधते हुए भविष्य की धर्मनीति और राजनीति क्या होगी , साथ ही तपस्वी श्रीराम की कर्म भूमि चित्रकूट कैसे वैश्विक स्तर पर जीवन दर्शन से वसुधैव कुटुंबकम को चरितार्थ करेगा।
समाजसेवा मे सक्रियता :
फतेहपुर मे जन्मे रामशरण तिवारी जब चित्रकूट आए तो 2012 से संत समाज की संगति की और समाजसेवा मे सक्रिय हो गए। इससे यह समझ आता है कि दुनियाभर के फ्राड एनजीओ से इतर सनातन हिन्दू धर्म के संत समाज के मार्गदर्शन मे हर स्तर पर समाजसेवा की जा सकती है चूंकि समाजसेवा के अर्थ को रामशरण तिवारी अलग तरीके से समझते हैं कि महज जरूरतमंद की आर्थिक मदद या भोजन दे देना बस नही बल्कि वैचारिक रूप से उसे इतना समृद्ध बनाना है कि उसका आत्मबल मजबूत हो और वह भी दूसरों का मानसिंह सहयोग करने योग्य हो जाए तो ऐसी समाजसेवा इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
विश्व हिन्दू परिषद मे काम क्यों ?
ये महत्वपूर्ण सवाल है चूंकि हिन्दुओं के संगठन को बदनाम करने का काम कथित सेक्युलर दल के लोगों ने खूब किया है। इसलिए विश्व हिन्दू परिषद ने हिन्दू हितों के लिए तीव्र गति से काम किया है और संगठन के द्वारा हिन्दुओं का हित हुआ है। आज श्रीराम का मंदिर विश्व हिन्दू परिषद की ही देन है अन्यथा अपने ही देश मे हिन्दुओं के आराध्य श्रीराम का एक सर्वमान्य मंदिर ना होता। अब भारत की छवि श्रीराम के विचार और कार्यों से अत्यधिक प्रभावी सिद्ध होगी विश्व अपने हितों के लिए राम कृष्ण के चरित्र और विचार पर निहारेगा।
इसलिए हिन्दू माँ के गर्भ से जन्म मिलने के कारण मेरे लिए विश्व हिन्दू परिषद से अच्छा संगठन कोई हो ही नही सकता था। और मुझे जिला सह मंत्री का दायित्व 2017 मे सौंपा गया तब से लगातार हिन्दू समाज के हित के लिए काम कर रहा हूँ।
क्या काम किए ?
जनपद चित्रकूट मे सामाजिक समरसता पर काम किया। समय-समय पर समाज के हर वर्ग के युवाओं से बात कर विमर्श स्थापित किया और मुद्दों के आधार हिन्दू समाज के लोगों की कानूनी मदद मे भी सहयोग किया।
जैसे लव जिहाद जैसे दो तीन मामले यहाँ भी सुनाई दिए तो उन परिवार से संपर्क कर सबसे पहले बिना भय के बात रखने को कहा जिससे कानूनी मामले मे कोई अडचन ना आए चूंकि ये संवेदनशील मामला है और आरोपी समुदाय ऐसे किसी भी मामले से लगातार इन्कार कर रहा तो सच और न्याय की इस लड़ाई मे गंभीरता से मुख्य भूमिका निभाई , निजता एक बड़ा कारण है कि उन परिवार के नाम उजागर नही किए जा सकते। मैं जीवन भर परहित सरस धरम नहिं के भाव से देश और समाज के लिए काम करूंगा।
धार्मिक स्थान का संरक्षण और इतिहास उल्लेख :
मुझे एक प्रमुख बात समझ मे आई कि हमारे मंदिर बहुत सारे हैं। लेकिन उन मंदिरों का कोई इतिहास लेखन नही है। जैसे कब बना और किसने बनवाया व क्यों बनवाया साथ ही महत्व क्या है ? इस वजह से बहुत से मंदिर कब्जे का शिकार ग्रामीण स्तर पर भी हो गए जैसे चित्रकूट जनपद के कुचारम गांव मे एक मंदिर पर अवैध कब्जा था तो उसे पुलिस के सहयोग से हटवाया , ऐसे ही कर्वी गंगा जी रोड मे स्थित शंकर जी का मंदिर मे कब्जा था। तो इसलिए मंदिर का इतिहास लिखित और वीडियो आदि सामग्री मे होना आवश्यक है।
बजरंग दल वर्ग का आयोजन :
रामशरण तिवारी जब जिला सह मंत्री रहे उस समय ही बजरंग दल का ऐतिहासिक कार्यक्रम चित्रकूट मे संपन्न हुआ। जिसमे 21 जिलों से 300 बजरंगी बेडी पुलिया सरस्वती विद्या मंदिर मे एकत्रित हुए। वर्ग मे स्पष्ट हुआ कि बजरंग दल का उद्देश्य हिन्दू समाज को एकता के मंच मे एक साथ लाना है। समरसता और सभ्यता के लिए काम करते हैं तो अन्याय के विरूद्ध आवाज बुलंद करते हैं।
राम मंदिर समर्पण अभियान :
इनको राम जी की सेवा करने का भी अवसर मिला। राम मंदिर समर्पण अभियान के जिला अभियान प्रमुख बनाए गए। जिसमे इन्होंने 2 करोड़ 10 लाख ₹ की समर्पण निधि लेकिन राम जी को भेट कर दी। इस तरह के सामूहिक प्रयास से ही व्यक्ति भविष्य मे नेतृत्व करने मे सक्षम होता है।
” रामशरण तिवारी युवा नेता हैं जो सनातन हिन्दू धर्म के लिए सक्रिय रहते हैं , समाज के विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहते हैं और भविष्य मे भी ऐसे ही सामाजिक राजनीतिक काम कर जनसेवा कर जीवन को सफल महसूस करना चाहते हैं “
भविष्य का चित्रकूट :
पुरातन चित्रकूट से भविष्य का चित्रकूट स्पष्ट नजर आता है। वनवासी राम की आत्मा का यह धार्मिक आध्यात्मिक चित्रकूट है। हम चित्रकूट की प्रसिद्धि एवं वैश्विक पहचान के लिए सक्रिय हैं कि सबको पता चले कि चित्रकूट का महत्व क्या है ?
यहाँ की राजनीति कितनी स्तरीय हो सकती थी जिससे ना सिर्फ भारत ही बल्कि वैश्विक स्तर पर संदेश प्रसारित होता जैसे रामायण का ही कथानक है कि ” राम का मित्र नीच नही हो सकता ” तो यही रामराज्य है जहाँ कोई भेदभाव नही रह जाता है।
राम केवट के भी हैं और सबरी के भी हैं और राम संतो के भी हैं। राम वन्य-जीव और प्रकृति के भी हैं। राम मे सब बसते हैं और सब मे राम हैं तो वर्तमान लोकतंत्र का यही उद्देश्य है लेकिन नेतागिरी इतनी खराब हुई कि एक सकारात्मक उद्दाम की प्राप्ति मे भी नफरत की बाधा सामने आ गई।
इसलिए चित्रकूट का प्रत्येक नागरिक इस संबंध मे सोचे और लगातार नागरिक समाज को जन संवाद करना चाहिए। चूंकि एक गांव और एक शहर का निर्माण वहाँ रहने वाली आत्माएं करती हैं।
इसलिए मेरा मानना कि लोकतंत्र का सबसे प्रमुख केन्द्र वनवासी राम का चित्रकूट है। मैं वनवासी राम के आदर्शों को अपनाते हुए भविष्य मे समाज और राजनीति के क्षेत्र मे काम करूंगा।