आजादी के बाद से लगातार बुंदेलखण्ड मे एक कहावत प्रचलित थी कि “बांदा चित्रकूट के सांसद की कुर्सी संसद भवन मे सबसे अंत मे लगी रहती है”। यहाँ के अब तक चुने गये सांसद “मूक बधिर” की तरह जाने जाते थे। बांदा, चित्रकूट का नाम गुमशुदा सा रहता था।
आज वही बांदा चित्रकूट सम्पूर्ण भारत में और संसद भवन मे चर्चा का विषय बना हुआ है। यूपी मे कहावत प्रचलित हुई थी कि “काम बोलता है”। हाँ साहब काम बोलता है। सांसद भैरों प्रसाद मिश्र का काम बोलता है।
बुंदेलियों के लिए गर्व की बात है कि बांदा सांसद बोलने के मामले मे अव्वल साबित हुए हैं। भारत के समस्त सांसदों मे नंबर 1 होने का रिकॉर्ड कायम किया है।
चित्रकूट का लाल भारत का नंबर 1 लाल साबित हुआ है। अन्ना प्रथा से लेकर शिक्षा, बिजली, पानी से लेकर छोटी, बड़ी हर समस्या पर सबसे अधिक बार प्रश्न उठाकर विकास कार्यों के प्रति संवेदनशीलता जगजाहिर हुई है।
जब आप बांदा चित्रकूट रहते हैं तब जनता के बीच पाये जाते हैं और जब संसद भवन मे रहते हैं तब आन रिकार्ड नंबर 1 साबित होते हैं। आज चित्रकूट भैरों मिश्र की वह कर्मस्थली के रूप मे जाना जाने लगा है। जहाँ के लाल ने विकास के प्रति प्रश्नों की झडी लगा दी है।
इन प्रश्नों के जवाब और कार्यवाही से विकास की गंगा बहते देर नही लगेगी। आज जनता को महसूस हो रहा है कि उन्होंने भैरों प्रसाद मिश्र को सांसद बनाकर एक अच्छा निर्णय लिया है। श्री मिश्र ने कहा है कि मैं लगातार विकास के लिए आवाज बुलंद करता रहूंगा। जनता को सुख सुविधा संपन्न करना ही उनका एक मात्र लक्ष्य है।
रिपोर्ट – सौरभ द्विवेदी