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कुछ दिनों से एक पोस्ट वाइरल हो रही है कि पेट्रोल व डीजल पर केंद्रीय एक्साइज कर 23℅ है व VAT  34℅ हे जो दोनों मिलाकर 57℅ होते हैं…अब अगर इन दोनों को GST के अंदर लाया जाता तो अधिकतम टैक्स 28℅ ही लगता… इसका अर्थ यह है कि पेट्रोल व डीजल की कीमतों में 40% तक की कमी हो जाती… और आम जनता को इसका लाभ मिलता… केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को GST से बाहर रख कर हिटलरवादी शासन कर रही है… आदि आदि…

असल में आपको गलत जानकारी दी जा रही  है… आइये सच्चाई जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल को GST से क्यों बाहर रखा गया… इसके दो मुख्य कारण हैं-
१) राज्य सरकारों के कारण-
पेट्रोल डीजल और शराब  तीनों राज्य सरकार के अधीन हैं इन पर राज्य सरकार टैक्स लगाती है… VAT (वैल्यू एडेड टेक्स) राज्य सरकार के अधीन है… पेट्रोल डीजल और शराब ये तीनों Non Added Vat हैं अर्थात इन पर राज्य सरकार अपनी आवश्यकतानुसार कर लगा सकती है  या फिर यूँ कहें कि राज्य सरकारों की आय का यह मुख्य साधन है… राज्य सरकारों के विरोध के पश्चात ही पेट्रोल डीजल को GST से बाहर रखा गया है।

   

आप कहेंगे कि ज्यादातर राज्यों में भाजपा का शासन है और केंद्र में भी भाजपा का शासन है तो ये क्यों नही हो पाया ? 
भाजपा तो विगत तीन वर्षों से GST लाना चाह रही थी और इस विषय पर अनेक बैठकें हुई… राज्यों ने यह शर्त रखी कि हम GST को समर्थन तो दे देंगे किन्तु पेट्रोल डीजल को GST से बाहर रखना होगा… यह सहमति तभी बनी थी जब राज्यों में भाजपा का शासन नही था।

२) विपक्ष के कारण-

भाजपा सरकार ने टैक्स के बोझ को कम करने के लिए ही GST लागू किया है और केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल को भी GST में रखने का प्रयास किया था… किन्तु विपक्ष ने इसका विरोध किया और GST लाने में समर्थन देने से मना कर दिया।

कांग्रेस, ममता, मुलायम, केजरीवाल, लालू और भालू इत्यादि आदि देश-भाजपा विरोधियों ने इस प्रस्ताव का समर्थन नही किया इसलिए पेट्रोल डीजल को GST से बाहर रखा गया।
विपक्ष परेशान हो गई थी कि अगर पेट्रोल ₹40 का हो गया तो जनता मोदी को ही वोट देंगी… इसलिए विपक्षी दलों ने पेट्रोल को GST में शामिल नही होने दिया… भाजपा के पास राज्यसभा में समर्थन न होने के कारण GST को लागू करने के लिये  विपक्ष की यह मांग माननी पड़ी। 
क्योकि पेट्रोल डीजल को GST में शामिल करते तो ये सस्ता हो जाता और आम जनता को इसका बहुत लाभ होता… इसका श्रेय मोदी जी को जाता… यह भाजपा की बहुत बड़ी उपलब्धि होती इसलिए विपक्ष ने घोर विरोध किया और सहमति बनाने के लिए पेट्रोल डीजल को GST से बाहर रखा गया।
@साभार sociol media 

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