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By – Saurabh Dwived

नई पीढ़ी की पत्रकारिता का दौर शुरू हो चुका है। जिस प्रकार एक परिवार में पीढ़ियों के अंतर्गत सोच व कार्यशैली का अंतर होता है। वैसे ही पत्रकारिता जगत में भी पीढ़ियों का अंतर स्पष्ट झलक रहा है। इसे युवाओं ने अपनी नवीन धारदार कार्यशैली से साबित किया है।

अतर्रा निवासी दैनिक जागरण बांदा ( झांसी से प्रकाशित ) के ब्यूरो चीफ बसंत गुप्ता की पत्रकारिता का यह सफर कठिनाइयों से भरा रहा। असमय ही इनके सामने सड़क दुर्घटना की वजह से बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी। किन्तु सत्य के पथ पर चलने वाले बसंत गुप्ता ने शीघ्र ही इस समस्या से निजात पा ली। कुछ महीनों तक घर से बैठकर स्टाफ का मार्गदर्शन कर पत्रकारिता का काम करते रहे। यह दौर वास्तव में चुनौतियों से भरा था। चूंकि यही वो समय था , जब उन्होंने मुख्यधारा की पत्रकारिता में कदम रखा था।

असमय चुनौती का सामना कर संवेदनशील स्वभाव के इस पत्रकार ने पुनः एक सफर शुरू किया। युवा हैं और युवा सोच है। सामाजिक सोच से धनी सहायतार्थ स्वभाव के बसंत गुप्ता ने जनपद स्तर पर विनम्र भाव से लोक व्यवहार कायम रखा तो वहीं जरूरत के समय शब्दों से भ्रष्टाचार व अत्याचार के खिलाफ शोले बरसाते रहे।

अखबार का कलेवर इस युवा के शब्दों से बदलता रहा। अतिशीघ्र ही पाठकों के आकर्षण का केन्द्र दैनिक जागरण झांसी बनता गया। आफिस स्टाफ के साथ सहयोगात्मक रवैया ही सफलता का केन्द्र बिन्दु बना। व्यक्तिगत रूप से सामाजिक पहल भी जारी रखी।

इस प्रकार के कार्यों के देखते हुए वह वक्त भी आया जब उद्योग व्यापार मंडल की समिति ने बसंत गुप्ता को ” सत्य अन्वेषी पुरस्कार ” से सम्मानित करने का निर्णय लिया। इस दौरान सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी भी मौजूद रहे ; जब राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने सत्य अन्वेषी पुरस्कार के हकदार युवा पत्रकार के नाम की घोषणा की। इन्हें यह सम्मान मिलने से युवा पत्रकारिता को ऊर्जा मिलेगी। युवाओं के आकर्षण का केन्द्र पत्रकारिता और सत्य होगा। यह बांदा सहित समूचे बुंदेलखण्ड व युवाओं के लिए गौरवमय पल हैं।

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