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क्या संयोग है विश्व पर्यावरण दिवस और एक योगी का जन्मदिन आज ही के दिन 5 जून को तय हुआ। सृष्टि हमेशा अद्भुत सृजन करती है इस बात के उदाहरण प्रकृति प्रेमी महंत एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं जो विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने ही जन्मदिन पर 58,000 ग्राम पंचायतों को एवं 762 नगर निकायों को एक साथ पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाएंगे।

अपने जन्मदिन मे ऐसे अवसर बहुत कम लोगों को मिलते हैं या यूं कहें कि प्रकृति जिन्हें चुनती है वही इन अवसरों के गवाह बनते हैं और प्रकृति ने चुना बचपव के अजय मोहन सिंह बिष्ट को जो 1990 में राम मंदिर आंदोलन मे घर छोड़ देते हैं और आगे चलकर गोरखनाथ मठ के प्रमुख महंत अवैद्यनाथ के शिष्य बन जाते हैं फिर यहीं से एक नया जन्म होता है और वो कहलाते हैं योगी आदित्यनाथ।

सबसे कम उम्र मे सांसद बनने का गौरव हासिल करने वाले योगी आदित्यनाथ सन् 2017 मे भाजपा से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हैं , उसके बाद बदलता उत्तर प्रदेश नजर आने लगता है।

भारत का हृदय उत्तर प्रदेश राम मंदिर के बिना उजड़ा – उजड़ा सा था तो पहली बार अयोध्या मे लाखों की संख्या मे दीप प्रज्ज्वलन शुरू हुआ तब से उत्तर प्रदेश मे वास्तव मे दीपावली मनाई गई , लोगों का मानना है पहले सैफई मे नृत्य होता था या फिर जिंदा लोगों की मूर्तियां करोडो मे लगती थीं और अब फर्क साफ है कि अंधकार मे प्रकाश फैल रहा है।

इसके बाद वह समय आया कि सुप्रीम अदालत से राम मंदिर बनाने का आर्डर हो गया तो राज्य के मुख्यमंत्री ने शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करवाते हुए भव्य दिव्य और अद्भुत व अतुलनीय माहौल मे राम मंदिर निर्माण शुरू कराया , जिसमे प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा भूमि पूजन और संतो का आशीर्वाद लेने का दृश्य पूरे देश ने देखा और विश्व ने।

राम वैश्विक स्तर के चरित्र हैं और यही हमारे देश की शक्ति हैं जिस शक्ति केन्द्र को भारत की आत्मा से दूर रखने का भरपूर प्रयास किया गया लेकिन समय नायक चुनता है और समय के नायक बनकर उभरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

आज दुनियाभर मे सबसे अधिक पहचान हासिल करने वाले सीएम हैं जिनकी प्रशंसा विदेशी धरती से भी हुई। महामारी के समय सीएम योगी जैसा नियंत्रण कोई और सीएम नही कर सके। कानून व्यवस्था और विकास के नित नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं।

अपने मुख्यमंत्री दायित्वबोध का निर्वहन करते करते कब आप बुलडोज़र बाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गए , जनता स्नेह से बुलडोज़र बाबा की जय हो जैसे नारे लगाने लगी। चूंकि अपराध पर अंकुश कसा जाने लगा। अपराधियों सलाखों के पीछे पहुंचने लगे या फिर दुबक कर घरों मे घुस गए।

इन खूबियों की वजह से ही उत्तर प्रदेश से बाहर आम भारतीयों के मन मे योगी आदित्यनाथ लोकप्रिय होने लगे। उत्तराखंड के पंचूर गांव का एक युवा आज भारत के युवाओं के मन मे आस्था के केंद्र हैं। लोगों का विश्वास इतना दृढ है कि वाराणसी मे सुबह की आरती मे बुलडोज़र को शामिल किया गया , यह बाबा और बुलडोज़र को लेकर दीवानगी है।

इसलिए लोगों का कहना है कि महंत योगी आदित्यनाथ से बुलडोज़र बाबा तक कि साहसिक यात्रा को आगे कहाँ तक जाना है ? जवाब है कि भारत के भविष्य के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ का मुखार बिंदु जल मे सूर्य की भांति झलकेगा।

पर्यावरण संरक्षण से प्रकृति हमे वरदान देगी और सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन होने से यह दिन और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। यह इसलिए ही सफल होगा चूंकि योगी आदित्यनाथ संपूर्ण भारत के लोगों के मन मे सर्वोच्च स्थान रखते हैं

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