चित्रकूट / घुनवा : ग्राम पंचायत घुनवा क्षेत्र रामनगर के लोहगड़ी प्राथमिक विद्यालय इन दिनों काफी चर्चा मे है ये चर्चा दिल दहला देने वाली है जहाँ एक शिक्षक पढ़ाना चाहते हैं लेकिन पढ़ा नही पा रहे हैं !
नई भर्तियां हुई हैं जिनमे बहुत से नए शिक्षक सिर्फ और सिर्फ पढ़ाना चाहते हैं। इनमे से ही एक शिक्षक हैं राधेश्याम मिश्र जो शिक्षण कार्य दिल से करते हैं जिनका समर्पण छात्रों के भविष्य बनाने के लिए है और वहीं कुछ तस्वीरें सोते हुए शिक्षको की वायरल हो रही हैं।
लोहगड़ी प्राथमिक विद्यालय के एकाध शिक्षक पढ़ाने के बजाय सोते हुए नजर आते हैं। वायरल तस्वीरों के मुताबिक ये उन शिक्षकों की तस्वीर है जो राधेश्याम के शिक्षण कार्य मे बाधा डालते हैं।
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि स्कूल पालिटिक्स इतनी खराब है कि सोने वाले शिक्षक तनाव का माहौल बनाए हुए हैं। मिड डे मील से लेकर शिक्षण कार्य तक सिर्फ और सिर्फ तनाव है।
यह तनाव छात्रों मे जाति भी खोजता है जो जाति देखकर बच्चों को शिक्षा देने ना देने का निर्णय भी लेते हैं। लोग बताते हैं कि सोते दिख रहे शिक्षक यह कहते हुए सुनाई देते हैं कि इन सबको ऐसे ही पढ़ने दो ज्यादा ज्ञान ना दो और ऐसी बात कहते हैं कि सामाजिक एकता के लिए लिखा भी नही जा सकता है।
मिड डे मील मे व्याप्त भ्रष्टाचार की खबर तो अक्सर सुनने को मिलती हैं लेकिन वही कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो बच्चों को अच्छा भोजन अच्छा नाश्ता देना चाहते हैं। लेकिन इस विद्यालय मे काम चलाऊ मिड डे मील देकर सरकारी पैसा डकारने का मामला भी सुनाई दे रहा है।
एक बड़ी बात ये सामने आई है कि राधेश्याम बाहरी शिक्षक हैं जो उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय लोहगड़ी मे शिक्षक पद पर चयनित हुए हैं , वो हायर एजुकेटेड युवा हैं जो छात्रों को अच्छी शिक्षा देकर अच्छा भविष्य बनाना चाहते हैं लेकिन अन्य सहयोगी शिक्षक के षड्यंत्र और कूटनीति के चलते वह मानसिक रूप से पीड़ित हो रहे हैं।
बहुत ध्यान देने वाली बात है कि इस पूरे मामले की जानकारी शिक्षा विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों को है जो इस मामले का हल भी नही खोज पा रहे हैं जाने क्या बात है जो इस विद्यालय के मैनेजमेंट को दुरुस्त नही कर पा रहे हैं , साथ ही ध्यान देने योग्य है कि कथित शिक्षक नेता को भी इस विषय की जानकारी है लेकिन उनकी नेतृत्व कला भी फेल साबित हो रही है।
इस पूरे मामले को जानकर आप यही कह सकते हो कि बच्चों का भविष्य अंधकार मे है और शिक्षक सरकारी पैसे से मालामाल होकर मजा लूटते हुए जिंदगी जी रहे हैं। कुलमिलाकर प्रशासन को विद्यालय के अंदर की इस कूटनीतिक राजनीति पर ध्यान देना चाहिए और हर शिक्षक को पढ़ाने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए।
बहुत जरूरी है कि शिक्षक कोई भी हो वो देश प्रदेश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का आभास करे और निर्वहन करे तभी तो एक सशक्त समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होगा अन्यथा एक राधेश्याम पढ़ाने की ललक रखने के बावजूद भी पढ़ा नही सकेगें तो क्या बच्चे हमेशा पकौड़े का ठेला लगाएंगे तो सो रहे इसी विद्यालय के शिक्षकों का षड्यंत्र जानकर आपकी रूह कांप जाएगी। इसलिए प्रत्येक अभिभावक को स्कूल की ओर पैनी नजर रखनी होगी तभी बच्चों का उज्जवल भविष्य बनेगा।