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महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी कहती हैं कि त्योहार सबका उत्साह से भरा हो इसलिए हम उत्सव भी कहते हैं जैसे कि हमारे समाज की संरचना ही इस प्रकार से हुई है कि जो गरीब है उसका ख्याल अमीर रखेंगे अतः हमारे समाज के जो लोग दीप आदि बनाने का काम करते हैं तो सबसे पहले हमें उनके घर मे उत्सव का माहौल बनाने के लिए लोकल फाॅर वोकल की तर्ज पर उनसे खरीददारी करनी चाहिए।

चित्रकूट : दीपावली पर्व की तैयारी शुरू हो चुकी है। लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है कि गणेश लक्ष्मी की कृपा से जीवन मे समृद्धि आएगी और दुख व दरिद्रता कोशों दूर भाग जाएगी। भारत के इस पर्व मे हिन्दू समाज दीपक प्रज्वलित करता है इस दिन संपूर्ण भारत दीप के प्रकाश से जगमग हो जाता है।

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सोशल मीडिया पर इस वर्ष की सबसे पहली तस्वीर महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी ने दीप खरीदते हुए जारी की है जिसमें एक बार फिर लोकल फाॅर वोकल की बात कह कर अपनों के घर खुशियों से भरने की अपील की गई है।

इस तस्वीर के संबंध मे ज्यादा जानकारी जुटाने पर वह बोलीं कि हम तो हर वर्ष इस बहन से ही दीप खरीदते हैं लेकिन बात करते हुए वो बोली कि ” ईं वाले कोउ नही लेय ” सब कहति हिं कि मोमबत्ती जलावब या फि मोमबत्ती वाला दिया जलावब !

मोमबत्ती की बात पर एक सवाल जन्मा कि ज्योतिष क्या कहता है तो सामान्य जानकारी के अनुसार तेल के दीप प्रज्वलित करने से शनि देव भी प्रसन्न होते हैं और कृपा करते हैं। अच्छा पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए भी सरसो का तेल और घी के दीप उपयोगी हैं तो बात ज्ञान की हो या विज्ञान की मोम के दीप पर मिट्टी के दीप तेल और घी से प्रज्वलित करने पर मानसिक धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।

इसलिए महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी कहती हैं कि त्योहार सबका उत्साह से भरा हो इसलिए हम उत्सव भी कहते हैं जैसे कि हमारे समाज की संरचना ही इस प्रकार से हुई है कि जो गरीब है उसका ख्याल अमीर रखेंगे अतः हमारे समाज के जो लोग दीप आदि बनाने का काम करते हैं तो सबसे पहले हमें उनके घर मे उत्सव का माहौल बनाने के लिए लोकल फाॅर वोकल की तर्ज पर उनसे खरीददारी करनी चाहिए।

वैसे भी समय की यात्रा मे लोग अगरबत्ती की जगह धूपबत्ती का प्रयोग करने लगे हैं तो मोमबत्ती हो मोम का दीप किसी भी स्तर पर मिट्टी के दीप की जगह नही ले सकते हैं। इसलिए महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष कहती हैं कि हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि सब मिलकर उत्सव मनाएं और इसके लिए अपने गांव , कस्बा और शहर के भाइयों से ही दीप खरीदें जिसमें अपनी मिट्टी की महक अपनी मिट्टी का स्वाभिमान और अपनत्व का भाव महसूस होगा।

दीपावली के इस पर्व पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसे हर किसी पर इसलिए पूरे विधि विधान से मनाएं यह दीपावली।

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