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गोवंश की सेवा के लिए कुछ सहयोग मित्रों के सहयोग से किया और उसके बाद जो अनुभव हुआ वो व्यक्तिगत ही है अगर गाय सेवा करने की प्रभु इच्छा हो रही हो तो आर्थिक सहयोग करिए हम मौनी बाबा तक आपकी सहयोग धनराशि भेजकर नाम सहित वर्णन करेंगे।

यहाँ भी भीड़ हो जाएगी ऐसा सोचकर जंगल के साधु संत से परिचय कराने से डर लगता है कि उनके एकांत वास पर बुरा असर पड़ेगा किन्तु श्याम रंग के मौनी बाबा जी का दर्शन कराना उचित लगा।

इससे पहले मुझे हकीकत का एक किस्सा याद आया। भांजा है सोम जो अक्सर बोलता था कि मुझे राम जी से मिलने जाना है और इसी चिल्ड्रेन डे पर प्रयागराज से अयोध्या स्कूल टूर मे गया जब होकर आया तो कहता…..

” अरे राम जी तो बहुत काले थे लेकिन अच्छे लग रहे थे। “

ये कौतूहल मेरे भी मन मे था कि राम जी की मूर्ति इतना गाढ़ा श्याम रंग की क्यों बनवाई पर बुद्धिमान मस्तिष्क से जवाब आया इसलिए कि समाज मे रंग का भेदभाव खत्म हो जिनके भगवान ही काले होंगे तो गोरे रंग वालों को ज्यादा घमंड करने का अवसर नही मिलेगा।

मौनी बाबा का ऐसा ही श्याम रंग है। एकदम सांवले से हैं। जंगल मे गो सेवा करते हैं और तपस्या कर रहे हैं , वे गाय से भी सिर्फ और सिर्फ श्रीराम बोलते हैं।

तपस्वी संत का चमत्कार या आशीर्वाद बताया नही जा सकता बल्कि यह अनुभव की बात है आपको अनुभव हो गया तो आप मान लोगे क्योंकि भगवान भी अनुभव के हैं बहुत से लोग भगवान को मानते हैं और बहुत से लोग नही मानते।

जिंदगी मे कुछ भी कर रहे हों लेकिन तपस्वी संत के दर्शन से लाभ होगा , सत्संग से लाभ होगा और सेवा से लाभ होगा। गोवंश की सेवा के लिए कुछ सहयोग मित्रों के सहयोग से किया और उसके बाद जो अनुभव हो वो व्यक्तिगत ही है अगर गाय सेवा करने की प्रभु इच्छा हो रही हो तो आर्थिक सहयोग करिए हम मौनी बाबा तक आपकी सहयोग धनराशि भेजकर नाम सहित वर्णन करेंगे।

चित्रकूट के जंगल मे इसलिए रहस्य है। यहाँ कामतानाथ बाबा कामनाएं पूरी करते ही हैं लेकिन ऐसे सिद्ध संत पर्वत और जंगल मे रह रहे हैं कि उनकी एक नजर से जीवन मे चमत्कारिक परिवर्तन होते हैं। इसलिए साधु संत का अर्थ तड़क भड़क और हेलीकॉप्टर मे उड़ान भरने से भर से नही है यकीनन इस सृष्टि के संचालन मे जंगल के तपस्वी संतो की ऊर्जा का कमाल है जैसे चीन-भारत युद्ध के समय नीम करोली बाबा ने कहा था कि चीन खुद वापस हो जाएगा भारत तपस्वियों का देश है यहाँ वामपंथी कभी टिकेगे नही !

बेशक आप बड़े आदमी हों और बड़े शहर मे रह रहे हों आप आनंद मे होंगे लेकिन दुख की घड़ी के लिए पुण्य कर्म करते रहना चाहिए और श्रीकृष्ण ने इन्ही कर्म पे व्याख्यान दिया है तो मौनी बाबा के मानसिक दर्शन करिए और यही चित्रकूट का धार्मिक आध्यात्मिक परिचय है लेकिन जंगल मे भीड़ नही बढ़ाना है इसलिए रास्ता नही बताएंगे पता नही बताएंगे।

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