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By – Saurabh Dwivedi

नगरपालिका अध्यक्ष व ईओ द्वारा भुगतान का आश्वासन मिलने के पश्चात ठेकेदार ब्रह्मदत्त पाण्डेय ने आमरण अनशन स्थगित करने का फैसला किया है। किन्तु पंद्रह से बीस फरवरी तक भुगतान कर राहत नहीं मिली तो सर्वप्रथम बुद्धि – शुद्धि यज्ञ किया जाएगा तत्पश्चात आमरण अनशन भुगतान होने तक होगा।

गौरतलब है कि नगरपालिका चित्रकूट धाम में पंजीकृत ठेकेदार ब्रह्मदत्त पाण्डेय द्वारा कराए कार्यों का भुगतान लगभग दो वर्ष लंबित होने से जीवन – संकट की परिस्थिति बन चुकी थी। जिसे लेकर आमरण अनशन करने की बात पत्राचार द्वारा अफसर व जनप्रतिनिधियों को सूचित गया था।

इस पर नगरपालिका अध्यक्ष ने संवेदनशीलता से मामले का संज्ञान लेकर अतिशीघ्र ही भुगतान होने का मौखिक नियमतः आश्वासन प्रदान किया। एक अच्छी बात निकलकर आई कि युवा सोच से परिपूर्ण अध्यक्ष ने जनहित व ठेकेदार के हित में तत्काल नियमतः फैसला लेने की बात कहकर एक अच्छे नेतृत्वकर्ता होने का उत्कृष्ट परिचय दिया है।

वहीं नगरपालिका के ईओ ने भी हमसे बातचीत में कहा कि भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अतिशीघ्र ही भुगतान कर पीड़ित को राहत प्रदान की जाएगी। कुलमिलाकर कहा जाए तो संविधान दिवस के दिन होने वाले आमरण अनशन से जो कलंक लगता उसे राष्ट्रहित में सामाजिक कार्यकर्ता व राजनीतिक सक्रिय भागीदारी से बचा लिया गया है।

ठेकेदार ब्रह्मदत्त पाण्डेय ने बातचीत में कहा है कि वे राष्ट्र और समाज के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हैं। किन्तु भुगतान ना होने से कर्ज की स्थिति का जन्म हो चुका था। जिनसे काम करने के लिए मैटेरियल आदि डलवाया गया था। उन्हें भी समय से अदा ना कर पाने से सामाजिक प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई थी। यही बड़ी वजह रही कि गणतंत्र दिवस के दिन भी आमरण अनशन करने की बात कही गई। जबकि नगरपालिका से आश्वासन मिलते ही आमरण अनशन को स्थगित कर एक निश्चित समय सीमा तक इंतजार किया जाएगा। यदि भुगतान नहीं होता तो सर्वप्रथम ” बुद्धि – शुद्धि ” यज्ञ कर देवताओं के आह्वान से प्रेरणा प्रदान करने की कोशिश की जाएगी। फिर भी भुगतान लंबित हुआ तो युवाओं व सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ ऐतिहासिक आमरण अनशन करने को मजबूर होऊंगा।

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