@Saurabh Dwivedi
ब्लाक प्रमुख पहाड़ी ने मौखिक संवाद मे जिम्मेदार अधिकारी – कर्मचारी से ग्राम स्तर पर होने वाले कार्यों पर मानक व महीन चोरी को लेकर बेबाक चर्चा की। इस चर्चा की जानकारी जब सूत्रों से पता चली तो वास्तव में भ्रष्टाचार की महीन जादूगरी का अहसास हुआ।
प्रमुख पहाड़ी सुशील द्विवेदी ने ग्राम स्तर लगे हुए हैंडपंप और उनसे निकलने वाले पानी की गुणवत्ता की भी चर्चा एडीओ पंचायत से की , उन्होंने एक वीडियो दिखाते हुए कहा कि क्या गांव की जनता इस तरह का पानी पिएगी ? ऊपर से संबंधित ग्राम सचिव ऐसी समस्याओं को लेकर गंभीर नजर नहीं आते।
ग्राम स्तर पर लगने वाली स्ट्रीट लाइट के संबंध मे भी उन्होंने शासनादेश की याद दिलाई। असल मे शासनादेश कहता है कि बिजली विभाग से स्वीकृति लेकर ही बिजली के खंभो पर ग्राम पंचायत की स्ट्रीट लाइट लगाई जा सकती है व उनसे कनेक्शन लेने का भी नियम की जानकारी मिल रही है। लेकिन सूत्रो की माने तो बिना बिजली विभाग के स्वीकृति के व बगैर कनेक्शन लिए ही गांवो मे स्ट्रीट लाइट खंभो पर टांग दी गई है। जो शासनादेश का उल्लंघन करती हुई नजर आ रही हैं।
कुछ गांवो से ऐसी शिकायतें भी मिल रही हैं कि ग्राम प्रधान व संबंधित ठेकेदार द्वारा चिन्हित चहेती जगहों पर स्ट्रीट लगाई गई है। सूत्रों की माने तो अंधेरे मे प्रकाश के लिए प्रसन्नता फल भी चखा गया है। साथ ही शिकायते यह भी मिल रही हैं कि इनकी गुणवत्ता भी खराब है जिसकी जांच होना आवश्यक है।
इन्ही समस्याओं के दृष्टिगत प्रमुख पहाड़ी ने एडीओ पंचायत को संबंधित सचिवों को सक्रिय करने की बात कही व असक्रिय होने शासनादेश का उल्लंघन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करने की मौखिक हिदायत दी। उन्होंने गो शालाओं के संचालन को लेकर भी गंभीरता जताई व कहा कि अन्ना पशुओं की समस्या का निस्तारण तत्काल प्रभाव से किया जाए जिससे किसानों की फसल का नुकसान ना हो।
समझा जाए तो एक ब्लाक से गांव का विकास व किसानों की खुशहाली निर्भर है। प्रमुख पहाड़ी के निर्देशों का पालन किया जाए तो निश्चित रूप से ब्लाक द्वारा ही क्षेत्र का विकास नजर आने लगेगा। अंततः उन्होंने एडीओ पंचायत से कहा कि सचिवों को कहिए जनता के फोन समय पर उठाएं व समस्या को संज्ञान मे लेकर जनहित मे कार्य करें ना कि गांव मे सिर्फ प्रधान या ठेकेदार आदि से मिलकर वापस चले आएं।