चित्रकूट : धर्म नगरी चित्रकूट को उत्तर प्रदेश शासन एवं मध्यप्रदेश शासन ने पवित्र क्षेत्र घोषित किया हुआ है। इसलिए चित्रकूट पवित्र परिक्षेत्र मे मादक पदार्थ , मांस , मदिरा व अंडा आदि की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा था लेकिन पिछले वर्ष एक देशी शराब की दुकान खुली और अब वहाँ बियर की दुकान और अंग्रेजी शराब की दुकान तीनों एक साथ खुली हुई हैं।
यह तीनों दुकाने विकास खंड कर्वी के सेमरिया जगन्नाथवासी के नाम से हैं और विक्रेता मे महिला ठेकेदारों का नाम लिखा हुआ है। फिलहाल जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की दुकाने बताकर मध्यप्रदेश के लोग नाराज़गी जताते हैं और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते ऐसी उम्मीद किसी को नही थी।
आबकारी नियमों की जानकारी के लिए जब हमने गूगल सर्च किया तो वहाँ एक खबर दिखी जो 27 जुलाई 2022 की दैनिक जागरण के हवाले से थी कि एमपी प्रशासन देशी शराब की दुकान खुलने से नाराज है।
खबर के अनुसार सतना जिले के मझगवां एसडीएम पीएस त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश चित्रकूट के डीएम को पत्र लिखकर नाराज़गी जताते हुए कहा था कि दोनों राज्यों के शासन द्वारा चित्रकूट को पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया जहाँ नियमों के अनुसार शराब दुकान नही खुल सकती इसलिए देशी शराब की दुकान का लाइसेंस निरस्त किया जाए।
किन्तु उत्तर चित्रकूट जनपद के प्रशासन ने देशी शराब की दुकान को बंद तो नही कराया बल्कि प्रवेश द्वार गुप्त गोदावरी मोड के पास उसी दुकान मे अंग्रेजी शराब की दुकान एवं बियर की दुकान का लाइसेंस भी जारी कर दिया। लाइसेंस अलग अलग नामों से है लेकिन एक ही दुकान से देशी अंग्रेजी और बियर बिकती है।
उस समय महंत दिव्य जीवनदास ने भी नाराजगी जताई थी कि अतिशीघ्र लाइसेंस निरस्त कर दुकानें बंद की जाएं। असल मे यहाँ कि धार्मिक मान्यता भी यही है कि कामतानाथ सरकार के पवित्र क्षेत्र मे ऐसे अपवित्र काम नही किए जा सकते।
कुल मिलाकर के चित्रकूट धर्म क्षेत्र के धार्मिक मान्यताओं के नियम एवं शासन के नियमानुसार पवित्र क्षेत्र घोषित होने के कारण यहाँ किसी भी जगह पर शराब की दुकान नही खुलनी चाहिए एवं अंडा आदि मांस से संबंधित सामग्री नही बिकनी चाहिए फिर भी आबकारी विभाग चित्रकूट उत्तर प्रदेश द्वारा विकास खंड कर्वी के सेमरिया जगन्नाथवासी के नाम पर लाइसेंस जारी कर प्रवेश द्वार गुप्त गोदावरी मोड के मुख्य मार्ग मे सड़क किनारे दुकान चलवाई जा रही है जहाँ से दूर-दूर से आए हुए श्रद्घालु गुजरते हैं।
पूर्व की मांग के अनुसार नियमानुसार कार्रवाई कर लाइसेंस निरस्त होने चाहिए तभी चित्रकूट की पवित्रता बनी रहेगी अन्यथा यहाँ से होटल आदि मे आसानी से शराब पहुंचने का रास्ता सरल हो गया है।