By :- Saurabh Dwivedi
नगर के प्रमुख प्रतिष्ठान उमा आटोमोबाइल में भाजपा जिलाध्यक्ष का स्वागत हुआ। जिसमें प्रतिष्ठान के निदेशक राजीव श्रीवास्तव ने माल्यार्पण कर जिलाध्यक्ष बनने की बधाई प्रेषित की , साथ ही युवा समाजसेवी विवेक तिवारी और व्यापारी अनूप त्रिपाठी ने भी माल्यार्पण कर मनोनयन की बधाई दी। नव मनोनीत जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे से वर्तमान राजनीतिक एवं सामाजिक परिदृश्य पर चर्चा हुई , जिससे कुछ विमर्श युवाओं के संबंध मे भी हुआ।
हाल फिलहाल युवाओं के राजनीतिक भविष्य पर अंधेरा महसूस होता है। इसका कारण आर्थिक व्यापारिक युग का आ जाना है। यही चिंता का सबब है कि गरीब – मध्यमवर्गीय युवा वर्तमान राजनीति के सांचे में कैसे ढल पाता है ? चूंकि बड़ी चिंता की बात है कि बेरोजगार युवा राजनीति में इस मंशा के साथ आता है कि निजी भविष्य के साथ देश का भविष्य भी तय कर सकेगा। किन्तु बहुत से युवा जनपदीय राजनीति की डगर को ही नहीं पार कर पाते हैं।
इस चिंतनीय विषय पर जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे से चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि गलती यही है कि रोजगार विहीन होकर राजनीति में भविष्य तलाशा जा रहा है। उन्होंने युवाओं को स्पष्ट संदेश दिया कि प्रथम कार्य रोजगार का सृजन है। युवाओं को सर्वप्रथम रोजगार करना चाहिए , तत्पश्चात राजनीति में आकर कुछ करने की सोचना चाहिए।
उनके इस विचार की वर्तमान समय में मौलिकता है। चूंकि राजनीति में पहुंचकर एनकेन प्रकारेण धन कमाने की मंशा बिल्कुल गलत है। बल्कि स्वरोजगार संपन्न होकर वैचारिक राजनीति की जाए तो सफलता भी मिलेगी और देश व समाज को दिशा दिखा सकेंगे।
राजनीति का भावार्थ यही है कि वह ऐसी हो कि अंधेरे में प्रकाश हो जाए। जिस समाज में अंधकार व्याप्त हो रहा हो तो राजनीति का ऐसा दीप प्रज्वलित हो कि वह विचारों से आम जनमानस की आत्मा को प्रकाशित कर सके। किन्तु इसके लिए स्वयं को प्रकाशित होना चाहिए।
जैसे कि भारत में ही सिख समुदाय में प्रकाश पर्व मनाया जाता है। यह प्रकाश पर्व एक बड़ा संदेश है कि अंतर्मन को प्रकाशित करना। ऐसे ही दीपावली में दीप प्रज्वलित कर प्रकाश का संदेश दिया जाता है तो राजनीति ऐसी ही होनी चाहिए कि वह समाज को प्रकाशित करे , सकारात्मक करे नाकि नकारात्मकता उत्पन्न करे।
इसी संदर्भ में भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि युवाओं को महापुरूषों की ओर क्रांयिकारियों की किताबें पढ़नी चाहिए। जो जीवन में बड़ी सहायक होती हैं। उन्होंने युवाओं को क्रांतिकारी भगत सिंह के विचारों का अध्ययन करने की सलाह दी , साथ ही स्वामी विवेकानंद सहित प्रत्येक महापुरूष के विचार पढ़ने का संदेश प्रदान किया।
यह सच है कि युवा यदि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सहित देश के प्रत्येक महापुरूष के विचारों का अध्ययन सतत प्रयत्नशील हो कर लें तो उन्हें सही और गलत की जानकारी स्वयं हो जाएगी। जिससे वह अच्छा निर्णय लेने में समर्थ होंगे। यह सच है कि राजनीति निर्णय लेने का बड़ा केन्द्र हैं , जहाँ हर वक्त एक सही निर्णय व्यक्तिगत ही नहीं अपितु समाज के लिए लेना पड़ता है। चर्चा के दौरान प्रमुख सहयोगी हरिओम करवरिया , जिला मंत्री बृजेश पाण्डेय एवं महामंत्री तीरथ तिवारी उपस्थित रहे।