By :- Saurabh Dwivedi
भारत माता की जय और वंदेमातरम् की अनुगूँज से गांव – शहर की दीवारें गुंजायमान हो रही हैं। हवाओं में माँ भारती के जयकारे की गूंज मिश्रित हो जन – जन के रोम रोम मे समा रही है। भाजपा प्रत्याशी आरके पटेल बांदा परिश्रेत्र के गांवो में छात्र राजनीति के पुराधाओं के साथ पहुंचे तो नुक्कड़ सभाओं में जन सैलाब उमड़ता दिखा।
माता का जयकारा का नारा हृदय को रोमांचित करता है। यही वजह हो सकती है कि जयकारे की अनुगूँज सुनकर महिलाएं भी दहलीज के पार आ सुनने लगती हैं। माता रानी का जयकारा अद्भुत अनुभूति महसूस कराता है। अतः मानना होगा कि अन्य दलों की अपेक्षा भाजपा के जनसंपर्क में यही सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र है।
ध्यान आकर्षित करने योग्य है कि भाजपा प्रत्याशी छात्र राजनीति करके मुख्यधारा की राजनीति में आए युवाओं को महत्व प्रदान कर रहे हैं। ऐसा ही एक चेहरा राकेश गौतम मेजर का दिखा तो अतर्रा पीजी कालेज की छात्र राजनीति जीवंत हो उठी। चूंकि राकेश गौतम मेजर जमीनी राजनीति व मिलनसार व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं , जिनकी अपनी पहचान जन – जन के मध्य संघर्षशील व्यक्तित्व के रूप मे है। जब ऐसे जमीनी छात्र नेता जनसंपर्क की बागडोर संभालते दिख जाएं तो यकीनन भारत माता की जय का नारा जमीं से आसमां तक गूंजता हुआ आम आदमी के हृदय प्रवेश कर जाता है।
स्वयं प्रत्याशी मधुर जोशीली आवाज में नरेन्द्र मोदी को पुनः प्रधानमंत्री बनाने की आवाज देते हैं। चूंकि यह लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री के चेहरे पर लड़ा भी जा रहा है और यही भाजपा प्रत्याशी की सबसे बड़ी मजबूती है। जनता से भाजपाइयों की एक ही प्रार्थना होती है कि मोदी जैसा प्रधानमंत्री चाहिए ? इस सवाल के जवाब में लोकसभा का सांसद स्वयं तय होने लगता है।
मौसम के बदलाव की तरह चुनावी जनसंपर्क में बदलाव आया है। कभी तेज हवाओं की तरह तो कभी मंद बयार की तरह ! जुबानी फुहारे भी बरसाए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव दिलचस्प हो चला है। जहाँ सतरंज की बिसात बिछ रही है।