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चित्रकूट : भारत सरकार के निर्देशानुसार आजादी की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के रूप मे पूरा भारत मना रहा है। वहीं जेल अधीक्षक चित्रकूट अशोक कुमार सागर ने ध्वजा रोहण समारोह के अलावा बंदियों के साथ देश भक्ति गीत गायन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रखा।

जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर ने कहा कि बंदियों मे मानसिक परिवर्तन के जरिए सुधार की पहल की जा रही है। आजादी का अमृत महोत्सव एक अच्छा अवसर लगा जिससे बंदी देश प्रेम की भावना को महसूस कर सकेंगे और इस भावना से ओतप्रोत होकर बाहर की दुनिया मे अच्छा कार्य करेंगे। महिला बंदियों हेतु भी यही कोशिश है पठन – पाठन से उनमे अच्छा सुधार आ सके।

वह कहते हैं इसलिए समस्त जेल प्रशासन से विचार-विमर्श कर इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। बहुत ही कम समय मे बंदियों ने गाना – बजाना सीखा और वाद्ययंत्र बजाने ने कुछ निपुण हुए हैं। जो गा सकते हैं वह गा कर देश भक्ति के भाव को जागृत कर रहे हैं।

इस दौरान प्रिया मसाला इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर बृजेश त्रिपाठी अपनी को. डायरेक्टर मिसेज रीता त्रिपाठी के साथ पहुंचे और सांस्कृतिक कार्यक्रम मे प्रतिभाग करने के बाद डायरेक्टर रीता त्रिपाठी ने महिला बंदियों को फल वितरण कर आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई दी।

जनपद चित्रकूट के चिरपरिचित पत्रकार व बिजनेस लीडर विवेक अग्रवाल जो वर्तमान मे उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हैं जिला कारागार चित्रकूट पहुंचकर संगियो सहित बंदियों को फल विवरण किया व आजादी के अमृत महोत्सव की सभी को शुभकामनाएं दीं। यह सत्य है कि विवेक अग्रवाल एक धार्मिक और समाजसेवी प्रवृत्ति के व्यक्तित्व हैं चाहे कोरोना काल मे सरकार के साथ मिलकर समाजसेवा करना रहा हो या फिर चित्रकूट मे धर्म के लिए दान दक्षिणा करना हमेशा आगे बढ़कर सभी का हित करते रहे हैं।

संस्था के पर्यवेक्षक श्याम गुप्ता ने बताया कि उनकी संस्था जेल मे बंदियों के हित के लिए कार्य करती है जिसका मुख्य ध्येय है कि अपराध से घृणा करो अपराधी से नही इसलिए अपराध मुक्त समाज बनाने के लिए संस्था समय-समय पर बंदियों के साथ विचार-विमर्श करती है और उनकी केयर टेकर की भूमिका निभाती है।

जो बच्चे जेल मे रहते हैं उन्हें भी शिक्षा आदि की व्यवस्था को सोचते हैं और जेल मे जो बुजुर्ग कैदी होते हैं उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाता है।

आजादी के अमृत महोत्सव मे जेल परिसर मे खूब हर्ष देखने को मिला और इस पूरे समय पर सभी बंदी सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुत्फ उठाते रहे उनमे भी देश प्रेम देखने के लिए मिला। जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर की सोच भी यही है कि जेल से बंदी सुधर कर घर जाएं और समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनें।

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