SHARE

By – Saurabh Dwivedi

सेना के दृष्टांत पूर्व क्रिकेटर एवं वर्तमान पंजाब सरकार के मंत्री सिद्धू ने अक्षम्य अपराध किया है। व्यक्तिगत रिश्ते व्यक्तिगत कार्यक्रम पर निभाए जा सकते हैं , उपरांत जाने के बावजूद भारतीय सेना पर गोलियां बरसाने वाले पाक आर्मी चीफ से गले मिलना निंदनीय है।

नैतिकता तो यही बनती है कि देश के पीएम का आमंत्रण नहीं और पीएम की स्वीकृति ली नहीं गई तो सिद्धू को पाक पीएम के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाना चाहिए। इमरान और सिद्धू मित्र हैं तो सरकारी कार्यक्रम से अलग घरेलू मुलाकात भी हो सकती थी। मित्रता अपनी जगह है और राष्ट्र धर्म अपनी जगह है।

पाकिस्तान की सेना हमारे देश के जवानों को ना सिर्फ स्वयं बल्कि आतंकियों के हाथों भी सर कटवाती है , सीने पर गोली मारती है और उसी आर्मी के चीफ से गले मिलकर तमाम माँ और पत्नियों के स्नेह , प्रेम और विश्वास का कत्ल कर दिया।

पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आएगा नहीं और सिद्धू को भी सम्मान की नजरों से हम देख ना सकेंगे। कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर रहे हों या फिर दिग्विजय सिंह सभी के ऐसे क्रियाकलाप ने भारतीय के साथ छलावा किया है , फिर बताओ कैसे और किस मुद्दे पर देश की सत्ता पुनः सौंपे तुम्हे ?

सनद रहे कि सिद्धू के वहाँ जाने पर कांग्रेस हाईकमान ने कोई आपत्ति नहीं जताई और उनके यह क्रियाकलाप सेना के मन को आघात पहुंचाते हैं। यह उम्मीद इनसे नहीं थी !

image_printPrint
0.00 avg. rating (0% score) - 0 votes