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By – Saurabh Dwivedi

एक चेहरा देखा
उसमे एक चेहरा दिखा
वो चेहरा तेरा था

मुस्कान देखी
वो मुस्कान तेरी थी

नयनों में झांका
इक झील देखी
वो तेरे नयनों सी झील थी

माथा देखा
वो तेरा माथा था

गर्व देखा
वो तेरा गर्व था
” गर्वीली ”

तेरे नयन नख्श देखे
नखरे तुम्हारे थे
” नखरीली ”

हाँ हर चेहरे में
तेरा इक चेहरा दिखता है
हाँ यही है आत्मीय प्रेम !!

तुम्हारा ” सखा “

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