चित्रकूट : तपोभूमि चित्रकूट के तपस्वी संतो की गाथा आपने खूब सुनी होगी। सोशल मीडिया के यूट्यूब , ट्विटर और फेसबुक सहित इंस्टाग्राम मे युवाओं द्वारा दर्शन करवाया जा रहा है। मैं खुद यूट्यूब चैनल फुलस्टाॅप डिजिटल के लिए जंगल मे संत समाज के दर्शन करने जाता रहता हूं।
इधर कुछ दिनों से पम्पापुर जाने का मन मे संकेत मिल रहा था। मैं घर मे नीम करोरी बाबा की तस्वीर के सामने हनुमान चालीसा पढ़ रहा था कि अचानक मन मे आया कि पम्पापुर चले जाओ और मैने फैसला किया कि पम्पापुर जाऊंगा।
चित्रकूट एयरपोर्ट मार्ग मे कोटि तीर्थ का बोर्ड लगा हुआ था। वहीं बाईक खड़ी कर नीचे की ओर उतर गए और एक टर्न लेकर पम्पापुर के दरवाजे मे आवाज दी तो एक संत आए और द्वार खोलकर हमे अंदर ले गए।
सर्वप्रथम मैने विवेक तिवारी के साथ हनुमान जी के दर्शन किए और उन संत से पम्पापुर की रहस्य गाथा सुनी। उन्होंने कहा कि महाराज जी एक बार मे पांच देव से बात करते हैं। जिनमे हनुमान जी हैं और सिद्ध तपस्वी संत तो यकीन नही हो रहा था लेकिन यकीन करना पड़ा।
पम्पापुर के हनुमान जी प्रसिद्ध हनुमान जी हैं और सिद्ध मूर्ति है जहाँ हनुमान जी के होने का संकेत मिल जाता है। हमे अब तक अद्भुत और दिव्य अनुभूति हो चुकी थी।
महाराज जी सो रहे थे तो ऐसा लगा कि सिर्फ दर्शन बस हो सकते हैं शायद ही कोई बात हो पाए वैसे भी महाराज जी किसी भी मनुष्य से बात नही करते हैं किन्तु आशीर्वाद दे देते हैं अगर मन मे इच्छा हुई।
जैसे ही हम महाराज जी के स्थान की ओर जाने लगे वैसे ही हलचल हुई और महाराज जी उठकर बैठ गए। मै इत्तेफाक से सुन्दरकाण्ड ले गया था तो महाराज जी तक सुन्दरकाण्ड पहुंच गई और वो हमारे सामने ही सुन्दरकाण्ड का पाठ करने लगे।
उधर हमारी बाईक वीरान जंगल मे खड़ी थी तो चिंता हो रही थी लेकिन मन मे आ रहा था कि जब मैं हूं तो चिंता क्या करना ? हुआ भी यही जब हम बाईक की ओर पहुंचे तो एक पुलिस वाला बाईक के पास ही बैठा था तो यकीन हो गया कि हनुमान जी अर्थात परमात्मा इस तरह रक्षा करते हैं।
महाराज जी ने हमे आशीर्वाद दिया तो बहुत अद्भुत ऊर्जा का अहसास हुआ वैसे भी मौजूद संत ने बताया था कि आशीर्वाद बस दे दें तो समझ लेना दर्शन हो गए। उन्होंने यह भी बताया कि सोलह वर्ष की उम्र से तपस्या कर रहे हैं और अब तक तपस्या कर रहे हैं। अब वो ईश्वर से बात करते हैं जो सुना जा सकता लेकिन समझा नही जा सकता है।
श्री श्री 1008 प्रेमदास जी महाराज पम्पापुर के प्राकृतिक सौंदर्य मे गुफा मे विराजमान रहते हैं और जहाँ पर बाहर विश्राम करते हैं वहाँ भी शेषनाग की आकृति का पर्वत छाया बनकर स्थित है। अगर पम्पापुर को चित्रकूट का नैनीताल कहें तो गलत नही होगा क्योंकि वैसा ही प्राकृतिक क्षेत्र देवांगना मे है और कहते भी हैं कि देवांगन मतलब देवों का आंगन , चित्रकूट मे देवता इसी देवांगना मे अदृश्य रूप से लीला करते हैं।
मुझे यही लगा कि श्री श्री 1008 प्रेमदास जी महाराज साक्षात हनुमान जी हैं और हर किसी को इनके दर्शन कर लेने चाहिए। हमारी संत दर्शन यात्रा एवं लेखन और वीडियो आदि कार्य के लिए प्रभु इच्छा से आप दान कर सकते हैं जिससे मैं यूट्यूब चैनल और वेबसाइट के माध्यम से संत दर्शन व संत परंपरा पर लगातार साधना करते हुए लिख सकूं और बोल सकूं साथ ही संत सेवा का कार्य संपन्न होता रहे।